Meerut News: इस बार प्रीति योग में होगी गोवर्धन पूजा

शहर के विभिन्न मंदिरों में होगा आयोजन, समाज सेवी संस्थाओं द्वारा लगाया जाएगा 56 भोगमाई सिटी रिपोर्टरमेरठ। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पर आज गोवर्धन पर्व मनाया जाएगा। महिलाएं अपने घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएंगी और पूजा करेंगी। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, लेकिन इस साल अमावस्या तिथि की वृद्धि होने के कारण यह पर्व एक दिन बाद आज बुधवार को मनाया जाएगा।देश के कुछ हिस्सों में इसे अन्नकूट के नाम से जानते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्राेलॉजिकल साइंस के सचिव आचार्य कौशल वत्स ने बताया कि गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन 56 या 108 तरह के पकवानों का श्रीकृष्ण को भोग लगाना शुभ माना जाता है। इन पकवानों को अन्नकूट कहते हैं।- स्वाति नक्षत्र का रहेगा संयोग- इस साल गोवर्धन पूजा पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे में इस दिन की महत्ता बढ़ रही है। इस बार गोवर्धन पूजा के दिन प्रीति योग पूरे दिन बन रहा हैं। इसके अलावा स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिषिचार्य विनोद त्यागी ने कहा शास्त्र के अनुसार ये योग शुभ और लाभकारी हैं। मान्यता है कि इन योग में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।गोवर्धन पूजन का समय शुभ चौघड़िया 10:40 से 12:05 तक रहेगा। गोवर्धन पूजा मुहूर्त लाभ की चौघड़िया 04:20 मिनट से 05:45 बजे तक। विशेष पूजन मुहूर्त 05:45 से 07:15 के मध्य पूजन शुभ रहेगा।- गोवर्धन पूजा से शुक्र बुध की होती कृपा- धार्मिक मान्यता के अनुसार ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों लोगों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्ण ने इंद्र के घमंड को चूर चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत मनाकर उसे पूजते हैं तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं। मनीष स्वामी ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि गोवर्धन पूजा करने से कृषि और संसाधनों के स्वामी ग्रह शुक्र और बुध प्रसन्न होते हैं। इससे वित्तीय स्थिरता और व्यक्तिगत विकास में वृद्धि होती है। शनि और राहु जैसे ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों कम होते हैं।- भगवान को लगाएं अन्नकूट का भोग- गोवर्धन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें। शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। इसके साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं। धूप, दीप आदि से विधिवत पूजा करें। भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के बाद उनका पूजन करें। भगवान को अन्नकूट का भोग लगाएं और आरती करके सात परिक्रमा करें।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 21, 2025, 18:37 IST
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