UK: 'कनाडा को ब्रिटिश जासूसों ने सौंपी थी निज्जर हत्याकांड की खुफिया जानकारी...', डॉक्यूमेंट्री में दावा
ब्रिटिश खुफिया एजेंटों ने कॉल इंटरसेप्ट की थी, जिसकी मदद से कनाडा के अधिकारियों ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित तौर पर भारत के शामिल होने का दावा किया। इस हफ्ते जारी एक नई डॉक्यूमेंट्री में यह दावा किया गया है। 'ब्लूमबर्ग ओरिजिनल्स' की डॉक्यूमेंट्री 'इनसाइड द डेथ्स दैट रॉक्ड इंडियाज रिलेशंस विद द वेस्ट' में दावा किया गया है कि ब्रिटेन की एक खुफिया एजेंसी 'गवर्नमेंट कम्युनिकेशंस हेडक्वार्टर' (जीसीएचक्यू) ने कॉल इंटरसेप्ट की थीं, जिनमें तीन संभावित लक्ष्यों पर बातचीत का पता चला। ये भी पढ़ें:भारतीय NGO को मिला मैग्सेसे पुरस्कार, 55 हजार स्वयंसेवकों को समर्पित किया सम्मान निज्जर कथित तौर उन तीन नामों में शामिल था, जिसकी जानकारी 'फाइव आइज' खुफिया साझेदारी समझौते के तहत ब्रिटेन ने कनाडाई अधिकारियों को दी। 'फाइव आइज' में पांच देश ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया,अमेरिका और न्यूजीलैंड खुफिया साझेदारी करते हैं। निज्जर में कनाडा में रहता था और भारत सरकार ने 2020 में खालिस्तानी उग्रवाद के कारण आतंकवादी घोषित किया था। वीडियो डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया, जुलाई 2023 के अंत में निज्जर की हत्या मामले की जांच एक बड़ी कामयाबी मिली, जब ब्रिटेन को ब्रिटेन को इससे जुड़ी जानकारी मिली।ब्रिटिश खुफिया जानकारी केवल कड़े नियमों के तहत साझा की गई। इसे हाथ से ओटावा पहुंचाया गया और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर नहीं रखा गया। केवल कुछ ही कनाडाई अधिकारी इसे देख सकते थे, जिन्हें लंदन ने पहले से मंजूरी दी थी। डॉक्यूमेंट्री में बताया गया कि इंटरसेप्ट की गई बातचीत में निज्जर, अवतार सिंह खांडा और गुरपतवंत सिंह पन्नू को संभावित लक्ष्य बताया गया। बाद में चर्चा हुई कि निज्जर को सफलतापूर्वक मार दिया गया है।खांडा भी एक खालिस्तानी आतंकवादी था और ब्रिटेन में रहता था। जून 2023 में एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई। ब्रिटिश अधिकारियों ने बताया कि उसकी मौत के पीछे संदिग्ध परिस्थिति नहीं थी। ये भी पढ़ें:'अब तक 69 हजार से अधिक फलस्तीनियों की मौत', गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने की पुष्टि इस मामले को लेकर सिख फेडरेशन यूके ने सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस को पत्र लिखा और पूछा कि ब्रिटिश सरकार के पास जुलाई 2023 से जानकारी होने के बावजूद इसे क्यों साझा नहीं किया गया। अमेरिका में रहने वाला पन्नू डॉक्यूमेंट्री में हथियारबंद सुरक्षा में दिखाई दिया और उसने अपनी जान को खतरे में बताया। पन्नू को भी भारत ने आतंकवादी घोषित किया है। भारत ने कनाडाई आरोपों को 'बेतुका और प्रेरित' बताते हुए खारिज कर दिया था और इसे 'राजनीतिक लाभ के लिए भारत को बदनाम करने की कोशिश' करार दिया। कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 2023 में संसद में कहा था कि उनके देश की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों से जुड़े विश्वसनीय आरोपों की जांच कर रही हैं। अक्तूबर 2024 में भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुलाया। इसके जवाब में भारत ने उतने ही कनाडाई राजनयिकों को देश से निकाला। हालांकि, इस साल अप्रैल में संसदीय चुनाव में लिबरल पार्टी के नेता मार्क कार्नी की जीत के बाद दोनों देशों के संबंध सुधारने की प्रक्रिया शुरू हुई। जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने जी7 सम्मेलन में मुलाकात की और अगस्त में दोनों देशों ने अपने-अपने देशों में दूत नियुक्त कर संबंध सुधार की दिशा में कदम उठाए।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 08, 2025, 18:06 IST
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