बाराबंकी में तेज हवा और बारिश से गिरी धान की फसल, किसानों की मेहनत पर फिरता दिख रहा पानी

यूपी के बाराबंकी में अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो रही लगातार बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कई इलाकों में तेज हवाओं और झमाझम बरसात के कारण खेतों में पककर तैयार खड़ी धान की फसल झुककर गिर गई है। जहां कुछ दिन पहले तक सुनहरी बालियों से खेत लहलहा रहे थे, वहीं अब पानी से लबालब खेत किसानों की आंखों में चिंता का कारण बन गए हैं। खास तौर पर सूरतगंज, रामनगर, फतेहपुर, जैदपुर और सतरिख क्षेत्र के किसानों का कहना है कि बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही। खेतों में पानी भर गया है। इससे फसल सड़ने की आशंका बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि यदि अगले दो दिनों में मौसम साफ नहीं हुआ तो फसल में दाने काले पड़ने लगेंगे और उपज बर्बाद हो जाएगी। रामनगर क्षेत्र के किसान रामकिशोर यादव ने बताया कि धान की बालियां पककर झुक गई थीं, बस कटाई की तैयारी चल रही थी। अब पानी भर गया है, अगर सूरज नहीं निकला तो पूरी मेहनत डूब जाएगी। इसी तरह सतरिख ब्लॉक के किसान श्यामलाल सिंह का कहना है कि खेतों में पानी उतरने का कोई रास्ता नहीं बचा है। ट्रैक्टर तक नहीं जा सकते, फसल गिरी पड़ी है। अब यदि प्रशासन नाले और नालियों की सफाई नहीं कराता तो पूरी फसल सड़ जाएगी। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, धान की फसल के पकने के बाद बारिश होना बेहद नुकसानदेह होता है। लगातार नमी से दाने काले पड़ जाते हैं, जिससे मंडी में उनका भाव घट जाता है। विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि जहां संभव हो, वहां पंप लगाकर खेतों से पानी निकालें और गिरी फसल को सीधा करने का प्रयास करें। जिला कृषि अधिकारी राजित राम ने बताया कि किसान खेतों में जलभराव रोकने के उपाय करने की सलाह दी है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 04, 2025, 14:57 IST
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