जींद में नाबालिग को यातनाएं देने के मामले में नहीं लिया सीडब्लयूसी ने अब तक संज्ञान
एएसआई समेत दो पुलिस कर्मचारियों द्वारा नाबालिग को यातनाएं देने के मामले में जिला बाल संरक्षण विभाग ने जांच के नाम पर कोई कदम नहीं बढ़ाया। पीड़ित बच्चे के घर पर न तो पुलिस ने जाकर पूछताछ की और न ही बाल संरक्षण विभाग की टीम ने। मंगलवार को खुद ही पीड़ित सीडब्लयूसी से मिले, लेकिन वहां पर काउंसिलिंग की रिपोर्ट का हवाला देकर वापस भेजा दिया। इस पर नाबालिग की मां ने पुलिस पर भी पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उसके बेटे को पांच अगस्त को सुबह साढ़े 10 बजे थाने में बुलाया था। इसके बाद शाम पांच बजे तक अवैध तरीके से हिरासत में रखा। इस दौरा एएसआई मुकेश व दो अन्य ने उसके साथ डंडों से मारपीट की। जिसके निशान उसके बेटे के शरीर पर अब तक हैं। इस मामले में आठ अगस्त को आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीएम विंडों पर भी शिकायत दी और सीडब्लयूसी को भी। घटना चार दिन बीतने के बाद अब तक उनके पास न तो पुलिस की तरफ से कोई आया और न ही बाल संरक्षण विभाग की तरफ से। उनके साथ पुलिस पक्षपात कर रही है। महिला ने आरोप लगाया कि पिटाई के बाद उसका बेटा चलने लायक नहीं था। अब भी उसका बेटा घर पर चारपाई पर ही लेटा हुआ है। वह चलने में असमर्थ है। बिना कसूर के उसके बेटे को पुलिस कर्मचारियों ने पक्षपात कर टॉर्चर किया। नाबालिग बच्चे के साथ पुलिस द्वारा पिटाई के संदर्भ में अभी जांच शुरू की गई है। बच्चे की काउंसलिंग रिपोर्ट अभी तक उनको नहीं मिली। काउंसिलिंग रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। नरेंद्र अत्री, बाल कल्याण समिति चेयरमैन
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 12, 2025, 20:24 IST
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