हिसार में अमर उजाला संवाद में उठा महिलाओं और बच्चियों को सशक्त व सुरक्षित बनाने का मुद्दा
भिवानी की बेटी मनीषा की मौत के मामले ने एक बार फिर महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। अभिभावकों में अपनी बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इस मुद्दे पर शनिवार को हिसार के रेड स्क्वेयर मार्केट में आयोजित अमर उजाला संवाद में अग्रोहा विकास ट्रस्ट समिति की महिला पदाधिकारियों और सदस्यों ने बेटियों की सुरक्षा व आत्मनिर्भरता पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कानून व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक ढांचे पर सवाल उठाए और महिलाओं व बच्चियों को अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहने का आह्वान किया। मीनाक्षी और इंद्रा ने कहा कि लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। आज के समय में बेटियों का सुरक्षित घर लौटना एक बड़ी चुनौती बन गया है। मनीषा मामले में पुलिस का अभी तक कोई ठोस नतीजा न निकाल पाना कानून व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करता है। उन्होंने जोर दिया कि बेटियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। अभिभावकों को भी बच्चों का विश्वास जीतना होगा ताकि वे अपनी समस्याएं खुलकर साझा कर सकें। इंदू सिंगला ने कहा कि बेटी बचाओ जैसे कई अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन फिर भी उत्पीड़न और हिंसा की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। बेटियों को सुरक्षा की दृष्टि से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना समय की मांग है। अरुणा और शशि गर्ग ने सुझाव दिया कि लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा (सेल्फ डिफेंस) की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। साथ ही, स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई जाए ताकि आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।सोनिया गुप्ता ने सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग के साथ-साथ सेफ्टी ऐप्स के उपयोग पर जोर दिया। रमी गुप्ता ने कहा कि महिलाओं को अधिकार तो मिल रहे हैं, लेकिन कई बार इनका दुरुपयोग भी हो रहा है। उन्होंने महिलाओं से अपने कर्तव्यों का भी पालन करने की अपील की। निशा जैन ने संस्कारों की अहमियत पर बल देते हुए कहा कि लड़कियों में अच्छे संस्कार होने चाहिए ताकि वे अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन कर सकें।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 24, 2025, 11:58 IST
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