अपने गुरुओं का सदैव सम्मान भाव होना चाहिए: स्वामी अनंतानंद सरस्वती

शिक्षक समाज का पथ प्रदर्शक होता है। जो न केवल छात्रों मे चरित्र का निर्माण करता है, बल्कि राष्ट्र व समाज को एक नई दिशा प्रदान करता है, जिससे राष्ट्र निर्माण मे मदद मिलती है। भारत मे तो सनातन काल से ही गुरु व शिष्य की परंपरा रही है और गुरुजन श्रेष्ठ माने जाते रहे है हमें अपने गुरुओं का सदैव सम्मान करना चाहिए। उक्त बातें रविवार को किसान पीजी कालेज सेवरही मे दिनकर विचार मंच की ओर से आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि राजगुरु मठ काशी के पीठाधीश्वर स्वामी अनंतानंद सरस्वती ने कही।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 07, 2025, 15:57 IST
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