Haryana: हरियाणा पुलिस की 'सुसाइड मिस्ट्री' में होगी 'CBI' की एंट्री, इन्हें 'IPS' पर शिकंजे की तैयारी की भनक!

हरियाणा पुलिस की 'सुसाइड मिस्ट्री' को सुलझाना आसान नहीं है। हालांकि चंडीगढ़ पुलिस के अलावा रोहतक की पुलिस भी डबल 'आत्महत्या' के केस को हल करने में जुटी है। आईपीएस वाई पूरन की आत्महत्या के केस की जांच करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस की 'एसआईटी' गठित की गई है तो वहीं रोहतक पुलिस के एएसआई संदीप लाठर का सुसाइड केस, फिलहाल लोकल पुलिस के पास है। दोनों केस एक दूसरे से जुड़े हैं। प्रदेश सरकार के विश्वस्त सूत्रों ने मौजूदा परिस्थितियों में यह संभावना जताई है कि यह केस सीबीआई को सौंपा जा सकता है। इन दोनों सुसाइड के चलते जिस तरह से प्रदेश के दो वर्गों में नाराजगी देखी जा रही है, उसके बीच निष्पक्ष जांच के लिए ये केस 'केंद्रीय जांच एजेंसी' के हवाले किए जा सकते हैं। दूसरी तरफ, सूत्रों ने यह भी कहा है कि दिवंगत आईपीएस वाई पूरन कुमार पर शिकंजा कसने की तैयारी, यह बात सरकार के शीर्ष स्तर तक मालूम थी। सूत्रों का दावा है कि इस बात से प्रदेश के कई बड़े अफसर भी वाकिफ थे कि सीएम सैनी के जापान दौर के बीच वाई पूरन कुमार पर हाथ डाला जा सकता है। आत्महत्या किए जाने के बाद आठवें दिन यानी बुधवार को आईपीएस वाई पूरन कुमार का पोस्टमार्टम हो सका है। इसके तुरंत बाद उनका दाह संस्कार भी कर दिया गया। पूरन कुमार का परिवार इस बात पर अड़ा था कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उनका एफआईआर में भी नाम है, इसलिए उन्हें हटाया जाए। ऐसी ही मांग रोहतक के तत्कालीन एसपी नरेंद्र बिजराणियां को लेकर की गई। हालांकि सरकार ने उन्हें पहले ही एसपी के पद से हटा दिया था। उसके बाद डीजीपी को लीव पर भेज दिया गया। इसके बाद ही पूरन कुमार का परिवार शव के पोस्टमार्टम के लिए राजी हुआ। मंगलवार को रोहतक पुलिस के एएसआई, संदीप लाठर जो साइबर इकाई में तैनात थे, ने सुसाइड कर लिया। संदीप कुमार भी वाई पूरन केस की जांच से जुड़े थे। बताया जाता है कि जिस वक्त आईपीएस वाई पूरन की गाड़ी में से उनके निजी सुरक्षा अधिकारी 'सुशील कुमार' को गिरफ्तार किया गया, तब भी संदीप कुमार मौके पर मौजूद थे। यह भी कहा जा रहा है कि एएसआई संदीप लाठर ने 'सुशील कुमार' की लोकेशन पता लगाने में अहम भूमिका निभाई थी। रोहतक पुलिस के सूत्रों ने बताया कि एएसआई संदीप के मामले में गहराई से जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि बीते एक सप्ताह के दौरान संदीप के फोन पर किन लोगों की कॉल आई है या की गई है। सुसाइड वाली जगह पर क्या कोई दूसरा व्यक्ति भी मौजूद था। इस तरह के कई एंगल पर पुलिस काम कर रही है। क्या किसी ने एएसआई संदीप को गुमराह तो नहीं किया, यह भी जांच का विषय है। सुसाइड से पहले जिस तरह से वाई पूरन कुमार ने लंबा चौड़ा नोट लिखा था, उसी तरह संदीप के शव के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ है। साथ ही पांच छह मिनट का वीडियो भी मिला है। इस वीडियो में संदीप ने वाई पूरन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने डीजीपी और रोहतक के पूर्व एसपी का बचाव किया है। वीडियो में संदीप ने यह भी बताया है कि वाई पूरन कुमार के पीएसओ सुशील कुमार को जब गिरफ्तार किया गया तो उसने स्वीकार किया था कि उगाही की रकम, कार के डैशबोर्ड में ही छूट गई है। सरकार के सूत्रों ने बताया, अब इस मामले पर सियासत भी गर्मा रही है। प्रदेश के अधिकांश नेता, वाई पूरन के आवास पर शोक जताने पहुंचे थे। हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के अलावा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी पूरन कुमार के आवास पर पहुंचे। अब जिस तरह से दो वर्गों के बीच सुसाइड केस को लेकर प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, उसके मद्देनजर प्रदेश का भाईचार खराब न हो, इसके लिए यह केस, सीबीआई के हवाले किया जा सकता है। सीबीआई जांच के नाम पर दोनों वर्ग, शांत हो सकते हैं। हालांकि प्रदेश सरकार, ऐसे लोगों पर नजर रख रही है जो किसी भी तरह से सुसाइड केस को जातीय रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। दूसरा, यह भी कहा जा रहा है कि एसआईटी को पूरी तरह हरियाणा पुलिस का सहयोग भी नहीं मिल रहा है। सूत्रों ने बताया, तत्कालीन एसपी से बातचीत के लिए एसआईटी को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस केस में डीजीपी/पूर्व डीजीपी सहित कई वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अफसरों पर आरोप हैं। सुसाइड नोट व एफआईआर में इनका नाम है। ऐसे में केंद्रीय एजेंसी को यह केस देने की संभावना है। हरियाणा पुलिस के एक रिटायर्ड अधिकारी के मुताबिक, जब इतने बड़े अफसर पर क्रप्शन को लेकर कार्रवाई प्लान होती है तो उसके बारे में मुख्यमंत्री, चीफ सेक्रेटरी, गृह सचिव, डीजीपी, रेंज आईजी और सीआईडी प्रमुख को अवगत करा दिया जाता है। इस केस की डेट लाइन पर गौर करेंगे तो पता चलेगा कि आईपीएस वाई पूरन कुमार पर शिकंजा कसने की तैयारी पहले ही कर ली गई थी। क्या किसी इंस्पेक्टर की खुद से यह हिम्मत हो सकती है कि वह एडीजीपी स्तर के अधिकारी की गाड़ी रोक कर उसके पीएसओ को अरेस्ट कर ले। उसके बाद कथित तौर पर पूरन कुमार से यह कहना कि 'अगला नंबर आपका है', ये बात इतनी आसान नहीं होती। ऐसा तभी संभव है जब इस बाबत शीर्ष स्तर से हरी झंडी मिल गई हो। पूर्व अधिकारी के मुताबिक, एकाएक पूरन कुमार को रोहतक रेंज के आईजी से हटा देना, उसके बाद आईपीएस वाई पूरन कुमार के गनमैन सुशील की गिरफ्तारी और उससे अगले ही दिन सात अक्तूबर को आईपीएस वाई पूरन कुमार द्वारा चंडीगढ़ में अपने आवास पर सुसाइड कर लिया जाता है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री नायब सैनी भी सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ जापान पहुंच जाते हैं। इस दौरे में पूरन कुमार की आईएएस पत्नी भी शामिल थीं। पूर्व अधिकारी का दावा है कि पूरन कुमार पर शिकंजा कसने के लिए सरकार से सहमति ले ली गई थी। अगर पूरन कुमार सुसाइड नहीं करते तो अगले दिन उनकी गिरफ्तारी हो सकती थी। सूत्रों के मुताबिक, यह बात कई उन अफसरों तक भी पहुंची थी, जिनका नाम सुसाइड लैटर में लिखा है। अब एएसआई संदीप कुमार लाठर के सुसाइड ने इस केस को और भी ज़्यादा उलझा दिया है। यहां पर सोचने वाली बात ये भी है कि संदीप कुमार के पास वाई पूरन कुमार के खिलाफ ठोस सबूत थे तो उन्होंने सुसाइड क्यों किया। 14 अक्टूबर को एएसआई संदीप लाठर ने आत्महत्या कर ली। चार पेज के कथित सुसाइड नोट और वीडियो संदेश में संदीप ने आईपीएस वाई पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार और यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। संदीप कुमार एक ईमानदार और कर्मठ पुलिस कर्मी थे। खुद मुख्यमंत्री ने उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया था।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 15, 2025, 20:00 IST
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