चिंता: बीमारियों का इलाज कराने में महिलाएं काफी पीछे, 40 की उम्र में हो रहा मेनोपॉज; कैसे स्वस्थ बनेगा भारत?

वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य संबंधीचुनौतियां काफी तेजी से बढ़ती जा रही हैं। पिछले एक दशक के आंकड़े उठाकर देखें तो पता चलता है कि सभी उम्र के लोगों में हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर सहित कई अन्य प्रकार की बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ता जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि वैश्विक स्तर पर, महिलाओं में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं और तेजी से बढ़ी हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव भी बढ़ता जा रहा है। मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने की आशंका पुरुषों की तुलना में महिलाओं में लगभग दोगुनी है। इसे भारत में रिपोर्ट की जाने वाली आत्महत्याओं में से 36.6% के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम ने महिलाओं की सेहत से जुड़ी चुनौतियों पर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। कैंसर की जांच, मानसिक स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि लापरवाही, सुविधाओं की अनुपलब्धता जैसे कारणों के चलते रोगों का इलाज करवाने में महिलाएं पीछे रह जाती हैं, जिसके कारण उनमें कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के विकसित होने का खतरा अधिक देखा जाता रहा है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 12, 2025, 12:51 IST
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