Yamuna Flood Delhi: बाढ़ से छह जिलों के 18,000 लोग प्रभावित, मयूर विहार फ्लाईओवर के नीचे बसी टेंट सिटी

राजधानी में बाढ़ के कारण छह जिलों के करीब 18000 लोग प्रभावित हुए हैं। दिल्ली सरकार की तरफ से ये जानकारी देते हुए कहा गया है कि एनडीआरएफ, जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन राहत शिविरों में भोजन, पानी, और चिकित्सा सहित अन्य सुविधाएं दे रहे हैं। यमुना का जलस्तर 206 मीटर पार करने से उत्तर, उत्तर-पूर्वी, शाहदरा, पूर्वी, केंद्रीय और दक्षिण-पूर्वी जिले बाढ़ की चपेट में हैं। पूर्वी दिल्ली में 7,200, उत्तर-पूर्वी में 5,200, दक्षिण-पूर्वी में 4,200, उत्तर दिल्ली में 1,350 और शाहदरा में 30 लोग प्रभावित हैं। इस तरह कुल 17980 लोग पीड़ित हैं। इनके लिए 35 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां भोजन, पानी, शौचालय और चिकित्सा सुविधाएं 24 घंटे दी जा रही हैं। एनडीआरएफ की टीमें निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाल रही हैं। पूर्वी दिल्ली में डीएम के नेतृत्व में बोट क्लब ने यमुना खादर से 5,000 से अधिक लोगों और सैकड़ों मवेशियों, बकरियों, भैंसों व कुत्तों को बचाया है। गोताखोरों व नाविकों ने बहादुरी से कई जिंदगियां बचाईं। पशुपालन विभाग मवेशियों की चिकित्सा और चारे की व्यवस्था कर रहा है। दिल्ली जल बोर्ड, नगर निगम और ड्यूसिब मिलकर राहत शिविरों में सफाई, फॉगिंग और पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। सिविल डिफेंस और आपदा मित्र टीमें 24 घंटे सक्रिय हैं। हर जरूरत का ध्यान रख रहे : सीएम बाढ़ पीड़ितों को सरकार, जनप्रतिनिधि व एनजीओ मदद करने में जुटे हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार बाढ़ पीड़ितों की हर जरूरत का ध्यान रख रही है। राहत शिविरों में भोजन, पानी, दवाइयां और शौचालय की व्यवस्था है। किसानों के मवेशियों के लिए चारा भी मुहैया कराया जा रहा है। बाढ़ पीड़ितों की सुरक्षा व सुविधा में कोई कमी नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि स्थिति नियंत्रण में है। यमुना का जलस्तर अब कम हो रहा है। सरकार 24 घंटे हालात पर नजर रख रही है। सभी जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) प्रभावित इलाकों में मौके पर हैं जो पीड़ितों को राहत पहुंचाने में जुटे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री ने कैंप कार्यालय मुख्यमंत्री जनसेवा सदन से डिविजनल कमिश्नर और सभी डीएम के साथ ऑनलाइन बैठक की जिसमें राहत कार्यों की समीक्षा की गई और स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए। रेखा गुप्ता ने कहा कि पीड़ितों की जान-माल की रक्षा की गई है। राहत शिविरों में बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) प्रभावित इलाकों में निगरानी कर रहा है। सामाजिक संगठनों की मदद से राहत कार्यों को और तेज किया जा रहा है।डीएम को निर्देश दिए गए कि बाढ़ से प्रभावित फसलों का आकलन करें ताकि किसानों को उचित मुआवजा दिया जा सके। गायों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएंगे : कपिल पशुपालन विभाग मंत्री कपिल मिश्रा ने देर रात पुराने रेलवे पुल के पास बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने बाढ़ के कारण पिछले दो-तीन दिन से गोशाला में फंसी गायों की स्थिति जानी। मंत्री ने कहा कि इन सभी गायों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएंगे। गोरक्षा दल के युवा यहां गायों की देखभाल कर रहे हैं। मंत्री ने उनकी प्रशंसा की और बताया कि दिल्ली सरकार के अधिकारी, डॉक्टर और संबंधित विभाग राहत व बचाव के काम में लगे हुए हैं। गायों, बछड़ों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। निरीक्षण के बाद बोले प्रवेश- दिल्ली सुरक्षित, घबराने की जरूरत नहीं लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने शुक्रवार को रिंग रोड और बेला रोड का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के त्वरित और समन्वित प्रयासों से हालात पूरी तरह काबू में हैं। किसी बड़े रिहायशी इलाके में यमुना का पानी नहीं घुसा है। सिविल लाइंस क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित है। केवल रिंग रोड के नीचे एक निचले हिस्से में अस्थायी जलभराव हुआ। पंप लगातार पानी निकाल रहे हैं। उन्होंने मौके पर मौजूद इंजीनियरों, कर्मचारियों और अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी प्रतिबद्धता ने संकट को नियंत्रण में रखा। हर स्तर पर विभाग सक्रिय हैं। यही वजह है कि तटबंध मजबूत हैं और यमुना का स्तर सड़कों से पार नहीं जा सका। उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें। बाढ़ में लापता व्यक्ति का शव मिला गढ़ी मांडू गांव में बुधवार को बाढ़ की चपेट में आए मवेशियों को बचाने के दौरान ओमवीर (45) लापता हो गया। शुक्रवार को स्थानीय निवासियों, पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद शव को बरामद कर लिया। वहीं, स्थानीय निवासियों का कहना है कि अभी भी एक युवक लापता है। जिला पुलिस उपायुक्त आशीष मिश्रा ने बताया कि ओमवीर की दूध की डेरी थी। परिवार में पत्नी ओमवती, दो बेटे व बेटी है। स्थानीय निवासी देवेंद्र ने बताया कि बुधवार सुबह गांव में बाढ़ का पानी आ गया। इस दौरान परिवार के अन्य सदस्य पशुओं को लेकर पुश्ता रोड पर बनाए गए सुरक्षित स्थान पर चले गए, लेकिन उनकी एक गाय घर में ही रह गई। इसके बाद ओमवीर घर में बंधी उस गाय को निकालने गए थे। इस दौरान उनके साथ गांव के तीन अन्य लोग भी गए थे, लेकिन घर पहुंचने से पहले ही ओमवीर यमुना के तेज बहाव में बह गए। उनके साथ मौजूद लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन वह बचा नहीं सके। इसके बाद लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने पूर्वी जिला बोट क्लब व एनडीआरएफ टीम को बुलाकर बुधवार को तलाशी अभियान शुरू किया। तीन दिन तक चले अभियान के बाद भी शव नहीं मिला। इसके बाद शुक्रवार सुबह करीब दस बजे स्थानीय निवासी ट्यूब की नाव बनाकर एनडीआरएफ की टीम के साथ मिलकर शव की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान उनका शव समाधी पार्क के पास झाड़ियों में फंसा मिला। मयूर विहार फ्लाईओवर के नीचे बसी टेंट सिटी, हेल्थ क्लीनिक बने मयूर विहार के यमुना खादर में आई बाढ़ के बाद फ्लाईओवर के नीचे सैकड़ों लोगों ने प्रशासन की ओर से लगाए गए टेंटों में बसेरा बना लिया है। सड़क किनारे इन टेंटों के बीच जिंदगी ने जैसे मजबूरी में ही सही मगर एक नया रंग पकड़ लिया है। राहत शिविरों में बच्चों के लिए अस्थायी स्कूल भी खोले गए हैं, ताकि बाढ़ के बावजूद भी बच्चों की पढ़ाई का सिलसिला न रुक सके। साथ ही हेल्थ क्लीनिक भी बनाए गए हैं, जहां डॉक्टर लगातार बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की जांच कर दवाइयां भी दे रहे हैं। शिविर में रहने वाले लोगों के चेहरे पर बेघर होने की पीड़ा साफ झलकती है, लेकिन साथ ही एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति और सहयोग की भावना भी गहरी है। ऐसा लग रहा है मानो लोग अब इन लोगों को लंबे समय तक यहीं रुकना पड़ेगा। सड़क के दोनों ओर कतार में खड़े टेंटों में कोई चारपाई बिछाए बैठा है, कोई बच्चे को दुलार रहा है तो कहीं बच्चे खेलते हुए दिख रहे हैं। मानो अपनी परेशानियां भूलने की कोशिश कर रहे हों। सफेद तंबुओं की इन कतारों में परिवार अपने छोटे-से संसार के साथ दिन गुजार रहे हैं। महिलाएं टेंटों में बैठकर आपसी बातचीत और घरेलू कामों में लगी हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों ने अपने सामान को गाड़ियों और ट्रॉलियों में सुरक्षित रखा है। पानी और जरूरी सामग्री की आपूर्ति के लिए टैंकर लगाए गए हैं। राहत सामग्री समय-समय पर बांटी जा रही है, ताकि किसी को भूखा न रहना पड़े। बच्चों को मिल रहा भरपूर खाना : बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आसपास के इलाकों के लोग और विभिन्न एनजीओ लगातार राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। लगभग हर घंटे कार, ई-रिक्शा और दूसरे वाहनों से शिविरों तक पहुंचकर लोगों को खाना बांट रहे हैं। बच्चों के लिए यह एक तरह का खेल बन गया है। 27 ट्रेनें करनी पड़ीं रद्द, 18 डायवर्ट यमुना पर पुराने रेलवे पुल के बंद होने से शुक्रवार को दिल्ली मंडल की 27 ट्रेनें रद्द कर दी गईं जबकि 18 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया।रद्द की गईं ट्रेनों में प्रमुख रूप से सहारनपुर–दिल्ली सुपरफास्ट (20412), सिद्धबली जनशताब्दी (12037), पुरनागिरी जनशताब्दी (12035), मुरादाबाद–दिल्ली पैसेंजर (54307), शामली–दिल्ली पैसेंजर (54058) सहित कई ईएमयू व डीएमयू सेवाएं शामिल हैं। वहीं, 18 लंबी दूरी की ट्रेनें डायवर्ट की गईं। इनमें फारक्का एक्सप्रेस (15744), ब्रह्मपुत्र मेल (15657), पद्मावत एक्सप्रेस (14208), कैफियत एक्सप्रेस (12226), रानीखेत एक्सप्रेस (15013), मसूरी एक्सप्रेस (14041), कालिंदी एक्सप्रेस (14118) आदि ट्रेनें शामिल हैं इन्हें नई दिल्ली, सब्जी मंडी, साहिबाबाद, निजामुद्दीन और शकरपुर बस्ती के रास्ते निकाला गया। साथ ही, कई मेमू और पैसेंजर ट्रेनें शाहदरा व गाजियाबाद से शॉर्ट-टर्मिनेट या शॉर्ट-ओरिजिनेट की गईं। प्रभावित ट्रेनों में दिल्ली–सहारनपुर मेमू (64027), दिल्ली–अलीगढ़ मेमू (64102), दिल्ली–शामली मेमू (64021) भी शामिल हैं। बता दें कि दो दिनों में करीब 170 से अधिक ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुईं हैं। रिंग रोड पर आवागमन आसान बाढ़ग्रस्त कॉलोनियों और रिंग रोड से जलभराव को खत्म करने के लिए कई पंप लगाए गए हैं। शुक्रवार को यमुना बाजार, रिंग रोड और सिविल लाइंस के बेला रोड इलाके से पानी निकाला गया। रिंग रोड पर तीन जगह पंप लगाए गए। आईएसबीटी कश्मीरी गेट के सामने, मॉनेस्ट्री मार्केट और वासुदेव घाट के सामने बृहस्पतिवार को दो फीट तक पानी भर गया था, लेकिन शुक्रवार को ऐसा नहीं था। यमुना का जलस्तर ज्यादा होने से अभी भी नदी में गिरने वाले नाले बंद हैं। पानी निकलने के बाद रिंग रोड आवागमन आसान हो गया है। बेला रोड के सामने अभी कुछ स्थानों पर पानी जमा है लेकिन इसे भी जल्द निकाल दिया जाएगा। इसके अलावा जगह-जगह सफाई कर गाद भी उठाई गई। हथिनीकुंड बैराज के मुकाबले दिल्ली से निकाला ज्यादा पानी राजधानी को बाढ़ की गिरफ्त से बाहर निकालने के लिए हथिनीकुंड बैराज के मुकाबले दिल्ली से करीब पांच गुना पानी हर घंटे छोड़ा गया। इसका नतीजा ये रहा कि शाम होने तक यमुना किनारों से करीब 10-12 फीट पीछे लौट गई। हालांकि, पुराने रेलवे पुल पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से करीब दो मीटर ऊपर है लेकिन राहत की बात ये है कि पानी लगातार घट रहा है। इस समय में यमुना का वेग बहुत ज्यादा है। हथिनीकुंड बैराज से शुक्रवार को सुबह जहां हर घंटे करीब 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो शाम 5 बजे तक कम होकर करीब 50 हजार क्यूसेक ही रह गया। इसके मुकाबले दिल्ली में वजीराबाद और ओखला बैराज से करीब 2.40 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी हर घंटे छोड़ा गया। इसका असर ये हुआ कि दिल्ली से यमुना का पानी तेजी से खाली हुआ और यूपी की ओर बढ़ गया। शाम को छह बजे तक पुराने रेलवे पुल पर नदी का जलस्तर 207.12 मीटर दर्ज किया गया। केंद्रीय जल आयोग की शाम को आई रिपोर्ट के मुताबिक पानी अब लगातार नीचे जाएगा लेकिन शनिवार तक 207 मीटर के करीब दिल्ली में जलस्तर स्थिर रहने का अनुमान है। लगातार नीचे जाएगा यमुना का पानी : केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, मौजूदा संकेत बता रहे हैं कि दिल्ली में यमुना के जलस्तर में गिरावट जारी रहेगी। शनिवार को सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर 206.40 मीटर तक पहुंचने संभावना है। इसके बाद भी जलस्तर में गिरावट जारी रहेगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 06, 2025, 04:09 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Yamuna Flood Delhi: बाढ़ से छह जिलों के 18,000 लोग प्रभावित, मयूर विहार फ्लाईओवर के नीचे बसी टेंट सिटी #CityStates #DelhiNcr #Delhi #YamunaFlood #SubahSamachar