Cyber Crime : क्रिप्टो ट्रेडिंग में निवेश का झांसा देकर ठगी, कई लोगों की मेहनत की कमाई हड़पी; महिला समेत 6 धरे

दक्षिण जिले की साइबर थाना पुलिस ने यूएसडीटी (टीथर क्रिप्टोकरेंसी) निवेश धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए महिला समेत 6 साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने क्रिप्टो ट्रेडिंग में निवेश के बहाने कई लोगों की मेहनत की कमाई ठग ली। आरोपियों ने फेसबुक मैसेंजर के जरिए पीडि़तों से संपर्क किया और शिकायतकर्ता को यूएसडीटी ट्रेडिंग में पैसा लगाने का झांसा दिया। साइबर जालसाजों के कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप और 4 पासबुक बरामद की गई हैं। दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि आरोपियों की पहचान पिलंजी, कोटला मुबारकपुर, दिल्ली निवासी हिमांशु बैसोया (23), वार्ड नंबर 11, चकिया, चंदौली, यूपी निवासी अविनाश वर्मा (20), ग्राम- भदेवल, पोस्ट-बहुआर, जमालपुर, मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश निवासी आलोक सिंह (30), ग्राम भदेवल, पोस्ट बहुआर जमालपुर मिर्ज़ापुर यूपी निवासी गरिमा सिंह, जैतपुर, दिल्ली निवासी सिमरनजीत सिंह उर्फ लवी (28) और जैतपुर, बदरपुर, दिल्ली निवासी कमल इन्सां (29) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि एक पीडि़त ने शिकायत दी थी कि उसे यूएसडीटी में उच्च रिटर्न के झूठे वादे के तहत धोखाधड़ी वाले क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से 10 लाख रुपये का निवेश करने का लालच दिया गया था। उसे एक नकली क्रिप्टो ट्रेडिंग एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा। उसे उसके वॉलेट/डैशबोर्ड में नकली लाभ दिखाया गया। जब उसने अपनी निवेश की गई राशि वापस लेने की कोशिश की तो आरोपी ने 30 प्रतिशत क्लियरेंस फीस मांगी। इसके बाद उसे ठगे जाने का एहसास हुआ। जांच के बाद गरिमा सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उसने खुलासा किया कि अक्तूबर 2024 में उसके पड़ोसी आलोक सिंह ने 1,000 के बदले में उसके पीएनबी बैंक खाते की जानकारी ली थी। जांच में अविनाश वर्मा और आलोक सिंह की पहचान हुई, जिन्होंने मामूली रकम के लिए ग्रामीणों के नाम पर बैंक खाते खोले। दोनों को मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किया। नकदी का इस्तेमाल यूएसडीटी खरीदने में किया गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि खातों को उनके सहयोगी हिमांशु बैसोया को 15,000 में बेचा गया था। उसके बाद हिमांशु बैसोया को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने धोखाधड़ी वाले खाते चलाने और दिल्ली भर के एटीएम से नकदी में ठगी का पैसा निकालने की बात स्वीकार की। नकदी का इस्तेमाल उसके साथी सिमरनजीत सिंह उर्फ लवी और कमल इन्सां के जरिए यूएसडीटी खरीदने में किया गया। पढ़े-लिखे हैं सभी आरोपी आरोपी हिमांशु बैसोया बीसीए किया हुआ है। वह साइबर अपराध मामले का मास्टरमाइंड है। उसने बैंक खातों का संचालन, एटीएम से ठगी गई राशि नकद में निकाली। कमल इन्सां व सिमरनजीत सिंह से नकद में यूएसडीटी खरीदी और उच्च मार्जिन पर अपने संपर्कों में स्थानांतरित किया। आरोपी कमल इन्सां उर्फ कमल अवाना इंटीरियर डिजाइनर है। वह नकद में राशि प्राप्त करने के बाद आरोपी हिमांशु वर्मा को यूएसडीटी उपलब्ध कराता था। आरोपी सिमरनजीत सिंह कंप्यूटर एप्लीकेशन में स्नातक बीसीए है। उसने हिमांशु बैसोया को आरोपी कमल इन्सां से मिलवाया और नकद में यूएसडीटी की खरीद में भी मदद की। आरोपी अविनाश वर्मा वाणिज्य स्नातक है और धोखाधड़ी के उद्देश्य से हिमांशु बैसोया को 8 बैंक खाते उपलब्ध कराए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jun 18, 2025, 05:01 IST
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