Uttarakhand: कृषि बागवानी और पर्यटन क्षेत्र बना प्रवासियों के आर्थिकी का साधन, सफलता की कहानी सामने लाएगा आयोग
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में लौटे प्रवासियों ने अपने आजीविका साधनों में विविधता दिखाई है। स्वरोजगार के लिए कृषि, बागवानी व पर्यटन क्षेत्र पहली पसंद बनीं है। 39 प्रतिशत प्रवासियों ने कृषि, बागवानी व 21 प्रतिशत ने पर्यटन व्यवसाय को अपनाया। व्यावसायिक अनुभव व कौशल से प्रवासियों ने गांव में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है। राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि, बागवानी, पर्यटन व पशुपालन पर आधारित है। रिवर्स पलायन कर लौटे प्रवासियों ने गांव में संभावनाओं को देखते हुए आर्थिक व्यवसाय को शुरू किया। पलायन निवारण आयोग की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार प्रवासियों ने अपनी अनुभव व कौशल के आधार आजीविका के लिए स्वरोजगार को अपनाया है। इसमें कृषि बागवानी में सबसे अधिक 39 प्रतिशत प्रवासियों ने व्यवसाय शुरू किया। जबकि पर्यटन क्षेत्र में 21 प्रतिशत, पशुपालन में 18 प्रतिशत, व्यापारिक गतिविधियों में छह प्रतिशत व कुशल तकनीकी व्यवसाय में तीन प्रतिशत आर्थिक व्यवसाय शुरू किया। नजदीकी शहरों व कस्बों से गांव लौटने वाले पांच प्रतिशत प्रवासियों ने परिवहन व्यवसाय को अपनाया है। विदेशों से रिवर्स पलायन करने वाले प्रवासियों ने तकनीकी व नई सेवाओं को शुरू किया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 22, 2025, 11:46 IST
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