Ajmer News: अश्लील फोटो ब्लैकमेल कांड के 4 आरोपियों को जमानत, जेल से बाहर आते ही मीडिया के साथ गाली-गलौज
अजमेर के बहुचर्चित अश्लील फोटो ब्लैकमेल कांड के चार आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा पर स्थगन आदेश जारी करने के बाद मंगलवार को आरोपी नफीस चिश्ती, इकबाल भाटी, सलीम चिश्ती और सैयद जमीर हुसैन अजमेर केंद्रीय कारागृह से रिहा हो गए। इन चारों को पॉक्सो कोर्ट ने 20 अगस्त 2024 को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उल्लेखनीय है कि सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद आरोपियों ने फैसले के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील की थी। लगभग एक साल बाद 8 अगस्त 2025 को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सजा पर रोक लगाई और आरोपियों को जमानत प्रदान की। न्यायमूर्ति इंद्रजीत सिंह की एकल पीठ ने 2-2 जमानतदारों के आधार पर यह राहत दी। आरोपियों ने अपील में अजमेर के पॉक्सो कोर्ट के गत 20 अगस्त 2024 के आदेश को चुनौती दी थी । सजा स्थगन के प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि हाईकोर्ट में अपील के निस्तारण में समय लगेगा। ऐसे में अपील में फैसला होने तक उनकी सजा को स्थगित करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। इस केस में पहले भी आरोपियों को कोर्ट से राहत मिलती रही है। वर्ष 1998 में निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने घटाकर 10 साल कर दिया और चार आरोपियों को दोषमुक्त किया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई, जहां कुछ को सजा भुगतने के आधार पर रिहा कर दिया गया। मामले के आरोपी सोहेल गनी ने करीब 29 साल फरार रहने के बाद हाल ही में कोर्ट में समर्पण किया था। वहीं नफीस चिश्ती को दिल्ली से बुर्का पहनकर भागते समय गिरफ्तार किया गया था। एक अन्य आरोपी अलमास महाराज अब भी फरार है, जिस पर मफरूरी में आरोप पत्र दायर हो चुका है। आरोपी पक्ष के वकील एडवोकेट आशीष राजोरिया ने जानकारी दी कि जमीर हुसैन और इकबाल भाटी पीड़िताओं द्वारा नाम न लिए जाने के आधार पर जमानत पा चुके थे। इनमें से एक आरोपी जमीर हुसैन को अमेरिका की नागरिकता प्राप्त है। वहीं नफीस और सलीम चिश्ती करीब 9 साल जेल की सजा भुगत चुके हैं और उन्हें ट्रायल कोर्ट से भी जमानत मिली थी।अब हाईकोर्ट के स्थगन आदेश से चारों आरोपियों को राहत जरूर मिली है लेकिन केस की अंतिम सुनवाई और फैसला अभी लंबित है। जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आए मुख्य आरोपी नफीस चिश्ती ने कहा कि उसे उच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा था, न्यायालय पर आज भी भरोसा है और कल भी भरोसा रहेगा, जो करेगा मालिक अच्छा करेगा। उसने यह भी कहा कि जो मै बोलूंगा, वो टेलीकास्ट आप करोगे नहीं। वहीं अमेरिका में रहने वाले जमीर हुसैन के बेटे सैयद समीर हुसैन ने कहा कि उनके पापा का ना एफआईआर में कोई नाम था, ना ही कोई फोटोग्राफ में उनकी भूमिका थी लेकिन उसके बावजूद भी उनको जेल में रहना पड़ा, अजमेर की निचली अदालत ने भले ही अपना फैसला कुछ भी दिया हो लेकिन हाईकोर्ट ने उनको जमानत देकर साफ कर दिया कि हिंदुस्तान के कानून में देर है लेकिन अंधेर नहीं है। मीडिया के साथ बदसलूकी अजमेर के केंद्रीय कारागृह से बाहर निकलते हुए ब्लैकमेल कांड का आरोपी जमीर चिश्ती जेल से बाहर निकालने के बाद मीडिया से बदतमीजी करते हुए गाली-गलौज करते हुए दिखाई दिया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 12, 2025, 19:58 IST
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