Chandigarh News: बोलदा पंजाब... सेहत के दुश्मनों से रहें सावधान!

-मिलावटी खाद्य पदार्थों ने बढ़ाई पंजाब की चिंता, चार साल में 18 प्रतिशत सैंपल फेल-पंजाब में बन रहा व दूसरी राज्यों से भी आ रहा घटिया पनीर, केमिकल का हो रहा इस्तेमाल-कैंसर जैसी बीमारियों को न्यौता दे रहे मिलावटी खाद्य पदार्थ-विशेषज्ञों की सलाह- भरोसेमंद ब्रांड से खरीदें या घर पर ही बनाए घी-पनीर व अन्य पदार्थ---इंट्रोपंजाब मेें बड़े स्तर पर खाद्य पदार्थों में मिलावट का खेल चल रहा है। खासकर दूध व दूध से बने उत्पादों में अधिक मिलावट हो रही है। सूबे में दूसरे राज्यों से तैयार घटिया पनीर व अन्य पदार्थों की आपूर्ति हो रही है जिन्हें बनाने में केमिकल तक का इस्तेमाल किया जा रहा है जो सेहत के लिए हानिकारक है। यह कैंसर जैसी बीमारियों को न्योता दे रहा है। इससे सावधान रहने की जरूरत है। -इनपुट: रिंपी गुप्ता, डॉ. संजीव बख्शी, अमित जेतली, पिंकेश कुमार।----राजिंद्र शर्माचंडीगढ़। पिछले चार साल में पंजाब में 18 प्रतिशत खाद्य पदार्थों के सैंपल फेल हो चुके हैं जो केंद्र के साथ ही पंजाब सरकार के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार इससे बचने का अब सिर्फ एक ही उपाय है कि भरोसेमंद ब्रांड से ही दूध, देसी घी, मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थों की खरीद करें या फिर इन्हें घर पर तैयार करें। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में वर्ष 2021-22 से लेकर 2024-25 तक चार सालों में खाद्य पदार्थों के 18 प्रतिशत फेल पाए गए। विभाग की तरफ से 22,616 सैंपल लिए गए थे जिसमें से 4070 सैंपलों में मिलावट सामने आई है। खाद्य पदार्थों की मिलावट में पिछले कुछ सालों से बढ़ोतरी होती जा रही है। वर्ष 2023-24 में खाद्य पदार्थों के 15 फीसदी सैंपल फेल पाए गए थे जबकि वर्ष 2024-25 में 22 प्रतिशत सैंपल फेल पाए गए। पंजाब सरकार ने भी पिछले तीन साल में विशेष अभियान चलाकर खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाने का प्रयास किया है जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार पनीर व देसी घी में खतरनाक केमिकल की मिलावट की जा रही है जो सेहत के लिए हानिकारक है। विभाग की जांच में पनीर के 43 प्रतिशत सैंपल फेल पाए गए जबकि इनमें 7.09 सैंपलों को सेहत के लिए असुरक्षित बताया गया। इसी तरह देसी घी के भी 15.78 सैंपल फेल हो गए जबकि 9.83 सैंपल असुरक्षित पाए गए। जांच में मसालों के सैंपल भी फेल हुए और फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड केमिकल का इस्तेमाल करने की बात सामने आई है। मिलावट से बढ़ रहा बीमारियों का खतराखाद्य पदार्थों में खतरनाक स्तर पर मिलावट से बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। इससे डायरिया, एलर्जी, मतली व मधुमेह के अलावा लिवर संबंधी रोग हो सकते हैं। इसी तरह मिलावटी खाद्य पदार्थों में मौजूद रसायन जैसे- सीसा और आर्सेनिक, कैंसर का कारण बन सकते हैं। ये रसायन गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनके सेवन से हृदय और अन्य अंगों में विकार और विफलता भी हो सकती हैं।फूड सेफ्टी ऑन व्हील पर नियमित रूप से जांच विभाग की तरफ से फूड सेफ्टी ऑन व्हील पर नियमित रूप से जांच की जा रही है। इन टेस्टिंग वैन में दूध, पनीर, पानी और अन्य रोजाना के प्रयोग वाले खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच करने की सुविधा है। लोग खुद भी इनमें खाद्य पदार्थों की जांच करवा सकते हैं। साथ ही एफएसएसएआई क्षेत्रीय कार्यालयों और राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाने के लिए भी नियमित रूप से निगरानी, निरीक्षण और खाद्य उत्पादों के नमूने लेता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत अथॉरिटी की तरफ से कार्रवाई की जाती है जिसमें जुर्माना लगाना और लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है।पटियाला में पकड़ा जा रहा नकली पनीर, हरियाणा से सप्लाईपटियाला। पटियाला में हरियाणा से सप्लाई हो रहा नकली पनीर भारी मात्रा में पकड़ा जा रहा है। सेहत विभाग की फूड सेफ्टी टीम ने इस साल अप्रैल में 1378 किलो और पिछले माह जुलाई में 1640 किलो नकली पनीर पकड़ा। दोनों बार नकली पनीर राजपुरा से पकड़ा गया। पहली बार पकड़ा 1378 किलो पनीर पटियाला में सप्लाई किया जाना था जबकि 1640 किलो की पकड़ी दूसरी खेप जालंधर सप्लाई होनी थी। फूड सिक्योरिटी अधिकारी ईशान बंसल और तरुण बंसल ने माना था कि सैंपलों की जांच रिपोर्ट में पता चला है कि पनीर नकली है और इसका सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। सात महीनों में सुरक्षा विभाग ने लिए 258 सैंपल, 38 फेलअमृतसर।जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलावटी और नकली खाद्य पदार्थों के खिलाफ जनवरी से जुलाई तक चलाए अभियान के तहत विभिन्न दुकानों और प्रतिष्ठानों पर छापे मार कर नकली घी, मिलावटी पनीर, सड़े फल, सब्जियां और अन्य नकली खाद्य पदार्थों को जब्त कर कानूनी कार्रवाई की है। सहायक कमिश्नर राजिंदरपाल सिंह ने बताया कि 25 जनवरी से 25 जुलाई तक अब तक 258 सैंपल लिए गए जिनमें से 38 सैंपल फेल और 220 सही पाए गए। कुछ संस्थानों पर की कार्रवाई के बाद 8 केस एडीसी कोर्ट में दर्ज है। इनमें जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने 25 जुलाई को गांव गिलवाली में जीके फूड ट्रेडिंग कंपनी में कार्रवाई करते 368 किलो नकली घी, 330 किलो रिफाइंड, वनस्पति बरामद किया था। इसका इस्तेमाल नकली देसी घी बनाने में किया जा रहा था। डिपार्टमेंट ने 7 महीने में लगभग 1 क्विंटल घटिया पनीर और 1 क्विंटल सड़े फल-सब्जियां बरामद कर खुद नष्ट करवाईं। एडीसी और सीजेएम कोर्ट की ओर से अब तक विभिन्न मामलों में दुकानों और प्रतिष्ठानों को 5 लाख 35000 रुपए जुर्माना लगाया।होशियारपुर में 6 माह में 21 सैंपल फेल पिछले छह महीनों में जिले से दूध व दूध उत्पाद, तेल, सब्जियां और फल, मिठाइयां, पीने का पानी, बेकरी उत्पाद, फूड सप्लीमेंट सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों के कुल 154 नमूने जांच के लिए लिए गए। इनमें से 21 नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे। इन मामलों में केस दर्ज कर जुर्माना भी लगाया गया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जतिंदर भाटिया ने बताया कि कुछ मामलों में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में खाद्य सुरक्षा टीम ने शहर के खानपुरी गेट स्थित एक देसी घी के गोदाम पर छापा मारा। कार्रवाई के दौरान विभाग ने लगभग 250 लीटर देसी घी जब्त किया। डॉ. भाटिया ने बताया कि छापे के दौरान लगभग 100 लीटर देसी घी, जिसके नमूने पहले हुई जांच में न सिर्फ फेल हो चुके थे बल्कि अनसेफ पाए गए थे, उसे कब्जे में लिया गया। इसके अलावा एक अन्य ब्रांड का लगभग 150 लीटर घी संदेह के आधार पर जब्त किया गया। दोनों प्रकार के घी के नमूने जांच के लिए खाद्य प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं।छह महीने में 100 से ज्यादा जगहों पर रेड, 35 मामलों में 10 लाख जुर्मानालुधियाना। जिले में स्वास्थ्य विभाग की कोशिशों के बावजूद घटिया दर्जे के खाद्य पदार्थों का उत्पादन, बिक्री और बाहरी जिलों व राज्यों से मिलावटी खाद्य पदार्थों का आना जारी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने बीते छह महीने में 100 से ज्यादा खाद्य उत्पादन इकाई, फैक्टरी, फूड आउटलेट, बेकरी, स्वीट शॉप व डेयरियों में रेड की है और जनवरी से जून तक विभिन्न खाद्य पदार्थों के 324 सैंपल लिए हैं। इन सैंपलों में 158 दूध, दहीं, पनीर, खोया, लस्सी और घी के थे जबकि 166 सैंपल मसाले, दाल, फास्ट फूड, सूखे मेवे और मिठाइयां आदि के थे। दूध और डेयरी उत्पादों के 158 सैंपलों में से 48 फेल हुए हैं जबकि अन्य खाद्य पदार्थों के 166 सैंपलों में से 14 फेल पाए गए हैं। महासिंह नगर की एक बेकरी से स्वास्थ्य विभाग ने 500 किलो पनीर जब्त किया है और सैंपल भरकर जांच के लिए भेजे हैं। इसी तरह से बस स्टैंड के पास छापेमारी करके 500 किलो खोया, रसगुल्ले और सोन पापड़ी की खेप जब्त की गई है।कोटपंजाब में पिछले तीन सालों में खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पनीर व देसी घी में केमिकल तक की मिलावट पाई गई है, जो सेहत के लिए खतरनाक है। लोगों को सलाह है कि वे भरोसेमंद ब्रांड से ही खाद्य पदार्थों की खरीददारी करें। -डॉ. बलबीर सिंह, स्वास्थ्य मंत्री, पंजाब। ---फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बुकलेट जारी की हुई है, जिसके जरिए आसानी से दूध और पनीर में घर पर ही मिलावट का पता लगाया जा सकते हैं। इस बुकलेट के जरिये लोग अपने घर पर ही टेस्टिंग कर सकते हैं। लोगों को मिलावटी खाद्य पदार्थों से बचने के लिए घर ही पनीर, देसी घी, मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थ तैयार करने चाहिए। -डॉ. रचना श्रीवास्तव, सामुदायिक चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य विभाग, पीजीआई।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 10, 2025, 18:46 IST
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