BJP Meet: भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चुनाव को लेकर मंथन, लोकसभा में जीत की हैट्रिक का लक्ष्य
भाजपा की सोमवार को शुरू हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा में जीत की हैट्रिक का लक्ष्य रखा गया है। पहली गैरकांग्रेस पार्टी के रूप में दो बार बहुमत हासिल कर चुकी भाजपा लगातार तीसरी जीत से नया कीर्तिमान स्थापित करना चाहती है। हालांकि, फिर से केंद्र की सत्ता हासिल करने की भाजपा की राह चुनौतियों के साथ संभावनाओं से भी भरी हुई है। चुनावी रणनीति को साधने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें 161 सीटों पर खास जोर है जिस पर पिछले चुनाव में पार्टी दूसरे स्थान पर रही थी। भाजपा को पता है कि प्रभाव वाले राज्यों की ज्यादातर सीटें उसके पास पहले से मौजूद हैं। ऐसे में कुछ राज्यों में अगर सीटें कम होती हैं तो इसकी भरपाई की तैयारी भी होनी चाहिए। इसी के मद्देनजर मिशन 2024 की तैयारी में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखने के लिए रिपोर्ट में चुनौतियों के साथ संभावनाओं का भी जिक्र किया गया है। गौरतलब है कि बीते चुनाव में पार्टी ने चार केंद्रशासित प्रदेशों और छह राज्यों की सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। नौ राज्यों के चुनाव अहम : लोकसभा से पहले नौ राज्यों में इसी साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को रिपोर्ट में बेहद अहम बताया गया है। रणनीतिकारों का मानना है कि इनमें खासतौर पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक में पार्टी का प्रदर्शन लोकसभा की दृष्टि से बेहद अहम होगा। गौरतलब है कि इन राज्यों की 93 में से 87 सीटें इस समय पार्टी के पास है। केंद्रशासित प्रदेशों की 19 में से 13 लोकसभा सीटों पर कब्जा आठ केंद्रशासित प्रदेशों की 19 में से 13 सीटें भाजपा के पास हैं। इनमें बीते चुनाव में पार्टी ने ऐसे चार प्रदेशों की सभी 11 सीटें जीत ली थीं। इसी प्रकार अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, त्रिपुरा और उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर पार्टी को जीत नसीब हुई थी। इसके अलावा दूसरे आठ राज्यों की 254 सीटों में से पार्टी ने सहयोगियों के साथ 222 सीटें हासिल की थीं। मसलन, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में अपने दम पर तो बिहार और महाराष्ट्र में सहयोगियों की बदौलत इन आठ राज्यों की 254 में से 222 सीटें जीतने में सफलता हासिल की थी। बिहार में छोटे दलों और महाराष्ट्र में शिंदे धड़े से उम्मीदें बिहार में पार्टी की योजना छोटे सहयोगियों और महाराष्ट्र में शिंदे के धड़े वाली शिवसेना की बदौलत अपनी सीटें बढ़ाने की है। हालांकि बिहार और महाराष्ट्र के नए सियासी समीकरण उलझाने वाले हैं। दोनों ही राज्यों में पार्टी के पुराने सहयोगी जदयू और उद्धव की अगुवाई वाली शिवसेना भाजपा का साथ छोड़ चुकी हैं। बीते चुनाव में पार्टी को सहयोगियों के साथ बिहार की 40 में से 39 तो महाराष्ट्र की 48 में से 42 सीटें मिली थीं। पार्टी को तेलंगाना, बंगाल समेत पांच राज्यों में विस्तार की दिख रही संभावना पार्टी को तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और पंजाब में अपने और विस्तार की संभावना दिख रही है। बीते चुनाव में इन राज्यों की 107 सीटों में से पार्टी को महज 39 सीटें हासिल हुई थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत तैयारी की बदौलत पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, जबकि तेलंगाना में महज चार सीट को दोहरे अंकों में पहुंचाया जा सकता है। असम में सीटों की संख्या में इजाफा तो पंजाब में अमरिंदर सहित कई कांग्रेस नेताओं के साथ आने से मुख्य विपक्षी पार्टी बनने की संभावना है। यूपी में साल 2014 का प्रदर्शन दोहराने की तैयारी इस रिपोर्ट में खासतौर से देश के सबसे अहम राज्य यूपी का जिक्र है, जिसे नुकसान की भरपाई वाले राज्यों की सूची में रखा गया है। उम्मीद जताई गई है कि यहां ठोस रणनीति की बदौलत साल 2014 के नतीजे को दोहराया जा सकता है। इस सूबे में तब भाजपा को अपना दल के साथ 80 में से 73 सीटें मिली थीं, जबकि बीते चुनाव में यह संख्या 64 पर आ गई। सपा-बसपा-कांग्रेस के बीच बनी दूरी को रिपोर्ट में पार्टी के लिए बड़ा अवसर माना जा रहा है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 17, 2023, 05:42 IST
BJP Meet: भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चुनाव को लेकर मंथन, लोकसभा में जीत की हैट्रिक का लक्ष्य #IndiaNews #National #BjpNationalExecutiveMeet #LokSabhaElections #AssemblyElections #JpNadda #PmModi #AmitShah #SubahSamachar