कनाडा का विजिटर वीजा अब मुश्किल: आवेदनों का बैकलॉग 10 लाख के करीब, पंजाब में अभिभावकों की बढ़ी चिंता
कनाडाई आव्रजन विभाग में लंबित आवेदनों का बैकलॉग तेजी से बढ़ते हुए 9 लाख 59 हजार तक पहुंच गया है। इसका सबसे बड़ा असर भारतीयों, खासकर पंजाबियों पर पड़ रहा है। विजिटर वीजा के लिए प्रतीक्षा अवधि अब बढ़कर 100 दिन हो गई है। पंजाब से बड़ी संख्या में लोग कनाडा जाते हैं और वहां बसे करीब सात लाख पंजाबी युवाओं से मिलने के लिए उनके अभिभावक विजिटर वीजा पर कनाडा आते-जाते रहते हैं। सुपर वीजा के लिए भारतीयों को 169 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं, माता-पिता और दादा-दादी श्रेणी में प्रतीक्षा समय 42 सप्ताह बताया गया है, जबकि क्यूबेक में यह अवधि 50 सप्ताह तक पहुंच चुकी है। मानवीय आधार पर शरण चाहने वालों को 100 से 106 महीने तक की अवधि झेलनी पड़ रही है। कनाडा में स्पाउस वीजा के करीब 50 हजार आवेदन भी लंबित हैं। नागरिकता संबंधी 2 लाख 59 हजार से अधिक मामले विचाराधीन हैं, जिनमें से 80 फीसदी के तय समय में निपटने की उम्मीद है। विजिटर वीजा अवधि में बड़ी कटौती पहले जहां भारतीयों को 10 साल तक की मल्टीपल-एंट्री विजिटर वीजा सुविधा मिलती थी, अब इसे घटाकर सिर्फ 3.5 साल कर दिया गया है। मल्टीपल एंट्री को भी लगभग समाप्त कर दिया गया है और ज्यादातर मामलों में सिंगल-एंट्री वीजा ही जारी हो रहा है। सिंगल-एंट्री वीजा धारक को हर बार कनाडा छोड़ने के बाद नया वीजा लेना पड़ता है। अभिभावकों पर गहरा असर वीजा एक्सपर्ट पूजा सिंह के अनुसार, नई नीतियों का सबसे अधिक असर पंजाबियों पर पड़ा है। सख्त होते नियमों के कारण परिवारों का कनाडा आना-जाना अब और मुश्किल हो गया है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 21, 2025, 05:36 IST
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