Ujjain News: अब 60 फीट की ऊंचाई से दिखाई देगा चक्रतीर्थ, भगवान कृष्ण के हाथ में नजर आएगा सुदर्शन चक्र

उज्जैन नगर निगम द्वारा चक्रतीर्थ का विकास किया जा रहा है। नाम के अनुरूप इसे पहचान देने के लिए विशाल चक्र भी स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है, जो करीब 60 फीट की ऊंचाई से दिखाई देगा। शिप्रा नदी किनारे चक्रतीर्थ पर जल्द ही भगवान कृष्ण के हाथ में सुदर्शन चक्र की प्रतिकृति स्थापित की जाएगी। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, इसके लिए चक्रतीर्थ पर विशाल चक्र लगाया जाएगा। इसकी डिजाइन तैयार कराई जा रही है। उज्जैन का श्मशान 'चक्रतीर्थ' के नाम से जाना जाता है। इसी कारण नगर निगम ने विशाल चक्र लगाने की योजना बनाई है। निगम ने इसकी डिजाइन तैयार कर ली है। चक्रतीर्थ पर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शेड आदि भी बनाए जा रहे हैं। ये भी पढ़ें:MP में आज भी जारी रहेगा बारिश का दौर, कई जिलों में लू का अलर्ट,अगले 4 दिन ऐसा ही रहेगा मौसम महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि उज्जैन के चक्रतीर्थ मुक्तिधाम (श्मशान घाट) पर जल्द ही सुदर्शन चक्र का 60 फीट ऊंचा स्टैच्यू स्थापित किया जाएगा। यह इतना बड़ा होगा कि इसे कई किलोमीटर दूर से देखा जा सकेगा। इस चक्र के माध्यम से अपनों के अंतिम संस्कार के लिए यहां आने वाले लोग उज्जैन के पौराणिक महत्व और चक्रतीर्थ श्मशान के जुड़ाव की गाथा को जान सकेंगे। नगर निगम अब जल्द ही अंतिम पड़ाव व मोक्ष के स्थान चक्रतीर्थ की कहानी को दर्शाने वाला यह 60 फीट ऊंचा सुदर्शन चक्र स्थापित करेगा। 80 लाख रुपए की लागत से बनने वाला यह स्टैच्यू करीब पांच किमी दूर से दिखाई देगा। संभवतः देश में पहली बार किसी श्मशान में इतना विशाल स्टैच्यू स्थापित किया जा रहा है। चक्रतीर्थ के नामकरण और इसके पीछे की गाथा अब जनता के समक्ष स्टैच्यू के माध्यम से प्रस्तुत की जाएगी। बताया गया कि हाथ में चक्र करीब 15 फीट चौड़ा होगा। वहीं, भूमि पर पुष्प की आकृति बनाई जाएगी। इसे एक छोटे गार्डन को विकसित करने के बाद स्थापित किया जाएगा। यह स्टैच्यू शिप्रा नदी के बड़े पुल, दत्त अखाड़ा, कार्तिक मेला प्रांगण और बड़नगर रोड से भी दिखाई देगा। सुदर्शन चक्र के लिए 80 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसकी ड्राइंग और डिज़ाइन तैयार कर ली गई है। कार्य शीघ्र ही प्रारंभ होगा। ये भी पढ़ें:फरहान के बैंक खातों में 50 लाख का लेनदेन, SIT फंडिंग एंगल की जांच में जुटी इसीलिए प्रसिद्ध है चक्रतीर्थ महाकाल मंदिर के पंडित महेश पुजारी ने बताया कि कथा के अनुसार जब कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध हुआ, तब उसमें लाखों लोग मारे गए। भगवान ने कहा कि इनका दाह संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए, जहां कोई पाप न हुआ हो। लेकिन पृथ्वी पर ऐसा कोई स्थान नहीं मिला। अंततः अवंतिका (उज्जैन) में भगवान के दूत पहुंचे। उन्हें प्रतीत हुआ कि यहां कोई पाप नहीं हुआ है, इसलिए करण का दाह संस्कार यहां कराया जा सकता है। इसके बावजूद स्वयं भगवान कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र को यहां भेजा और करण की देह को सुदर्शन पर रखकर उसका दाह संस्कार किया। तभी से यह मान्यता है कि करण का दाह संस्कार यहीं हुआ था। इसीलिए इस श्मशान घाट को तीर्थ का दर्जा मिला और यह 'चक्रतीर्थ' नाम से प्रसिद्ध हुआ।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 23, 2025, 07:25 IST
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