Panipat News: यमुना के बहाव में बह गए खेत
- दूर-दूर तक फसलें दिख रहीं न खेत, किसान बोले- जहां फसल बची है वह पानी से हो जाएगी खराब20 हजार एकड़ से ज्यादा फसलों में पानी भरा है हरियाणा-यूपी की सीमा पर47 साल बाद यमुना ने इतनी तबाही मचाई हैमाई सिटी रिपोर्टरकरनाल। यमुना में आई बाढ़ से हरियाणा-यूपी के समीपवर्ती गांव की करीब 20 हजार एकड़ से ज्यादा फसलें डूब चुकी हैं। वीरवार को पानी कम हुआ लेकिन यमुना के दोनों ओर कई एकड़ में भूमि कटाव हो गया। दूर-दूर तक न फसलें दिखाई दे रही हैं और न खेत। जहां खेत बचे हैं तो उनमें रेत और कीचड़ भरा है। पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश से यमुना में आई बाढ़ ने 47 साल पुरानी याद दिला दी। तब मेरठ रोड के साथ लगते हरियाणा क्षेत्र को कम जबकि उत्तर प्रदेश के किसानों की फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचाया था। यमुना के पानी ने उत्तर प्रदेश की ओर भूमि कटाव कर तटबंध तक तोड़ दिए थे। मेरठ रोड पर हरियाणा की ओर अपनी फसलों को देखने पहुंचे उत्तर प्रदेश के किसानों ने बताया कि उनकी जमीन तक यमुना में चली गई हैं। इससे पहले उन्होंने 1978 में ऐसी बाढ़ देखी थी। एक-एक गांव की सैकड़ों एकड़ फसल यमुना में समा चुकी है।गन्ने की फसल को नुकसानजिले में इंद्री, घरौंडा और कुंजपुरा खंड के अंतर्गत आने वाले गांव में भूमि कटाव और जलभराव देखने को मिला। मेरठ रोड पर यमुना पुल के पास बसे गांव मंगलौरा, मुस्तफाबाद, चाक नलवी, दबकीपुर, भारी गांव, नबीपुर जडोली, डबकोली खुर्द, चोरा, जब्ती छपरा और हलवाना में सबसे ज्यादा कटाव हुआ। यहां 500 मीटर से लेकर दो किलोमीटर तक की जमीन यमुना ने आगोश में ले ली। हालांकि इनके साथ लगते गांवों में यमुना का पानी 5 से 10 किलोमीटर तक फैला। अबकी बार दोनों ओर से करीब 10 किलोमीटर दायरे में यमुना का पानी है। सब्जियां, दाल उगाने वाले किसान बर्बादी के कगार पर हैं। यहां तक कि गन्ने की फसल को काफी नुकसान हुआ है। बचपन में देखी थी ऐसी बाढ़ : पीरजीउत्तर प्रदेश के झिंझाना गांव के किसान पीरजी विलन अब्बास ने बताया कि इस बार यमुना का पानी उत्तर प्रदेश सीमा की ओर ज्यादा कटाव कर रहा है। यमुना का ऐसा रूप 1978 में देखा था। इसके बाद अब यमुना में इतना पानी देखने को मिल रहा है। झिंझाना गांव के किसान शहजाद ने बताया कि यमुना ने हरियाणा में भी काफी नुकसान किया है लेकिन उत्तर प्रदेश के किसानों का नुकसान ज्यादा लग रहा है। यमुना में लकड़ी निकालने कूदा युवक लापतादौलतपुर गांव से युवक फुलकान बुधवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे यमुना में कूद गया। दरअसल वह यमुना में बह रही लकड़ियों को निकालना चाहता था। जैसे ही वह यमुना में कूदा तो तेज प्रवाह ने उसे बहा दिया। इसके बाद से परिजन फुलकान को ढूंढ़ रहे हैं। वीरवार को फुलकान को ढूंढ़ने के लिए दौलतपुर से करीब 15 किलोमीटर दूर उनके परिजन आसिफ, जलालु, शाकिब पहुंचे। उन्होंने कहा कि अभी तक उसका कोई पता नहीं चला। कलरी खालासा में दो हजार एकड़ में जलभरावसंवाद न्यूज एजेंसीइंद्री। बारिश के कारण गांव कलरी खालसा क्षेत्र में कई एकड़ खेत पानी में डूब गए। किसान गुलजार ने बताया कि बारिश के मौसम में राजेपुर, तुसंग, उमरपुर, ननदी, भौजी सहित 10 गांवों और भाखड़ा नहर तक के सभी खेतों का पानी कलरी खालसा के खेतों से होकर जंगल में निकल जाता है। निकासी के लिए गढ़ी बीरबल से राजेपुर जाने वाली सड़क पर पुलिया बनाई गई है। इस पुलिया के नीचे लगे पानी निकासी के पाइप छोटे साइज के हैं जिस कारण पानी की निकासी तेज गति से नहीं हो पाती। लगातार बारिश की वजह से उनके खेतों के साथ-साथ लगभग दो हजार एकड़ कृषि भूमि में पानी जमा है। अगर निकासी नहीं हुई तो धान की फसल का खत्म होना तय है। खेत में ही बनाया डेराकिसान लखविंद्र सिंह ने बताया कि खेतों में दो से तीन फुट पानी जमा है। अगर और बारिश हुई तो पानी का डेरे पर बने घरों में घुसना निश्चित है। दीवारें कच्ची हैं, घर में पशु बंधे हैं, परिवार भी है। किसान राजू ने बताया कि उन्होंने भाई के साथ मिलकर बुआई के लिए 70 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से यहां करीब 45 एकड़ जमीन ठेके पर ली है। पानी भरने से केवल उनकी फसलें खत्म नहीं होंगी बल्कि वे ही खत्म हो जाएंगे। मौके पर पहुंचे इंद्री खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय के अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि उन्हें फोन पर पानी निकासी न होने की सूचना मिली थी। फिलहाल निकासी सुचारू करवा दी गई है। खेड़ा गांव में ड्रेन की पटरी टूटीसंवाद न्यूज एजेंसीइंद्री। इंद्री के गांव खेड़ा के पास हिनौरी ड्रेन की पटरी टूट गई। जिससे खेड़ा गांव की पंचायती काश्त भूमि और एक रिहायशी कॉलोनी में पानी भर गया। जलभराव से किसानों में रोष देखने को मिला। किसानों ने बताया कि उन्होंने पंचायत की भूमि को ठेके पर लेकर धान की फसल लगाई है। सुबह खेतों के पास से गुजर रही हिनौरी ड्रेन की पटरी टूटने से खेतों में कई फीट तक पानी भर गया। इसकी वजह से उनकी फसलें खराब हो गई हैं। सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता जितेंद्र शर्मा ने बताया कि कई दिनों से भारी बारिश हो रही है जिस कारण हिनौरी ड्रेन में बारिश का पानी इकट्ठा हो गया है। बुधवार को पानी ओवरफ्लो होने के कारण करीब 10 से 12 फुट पटरी टूट गई है। पानी का बहाव कम होने के बाद शीघ्र पटरी की मरम्मत का कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। करनाल। बड़ौता के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में वीरवार को भी दोपहर के समय भारी बारिश के कारण पानी भर गया। यह स्कूल सड़क से नीचे होने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पाता है। ब्यूरो 111.खेतों में जमा बारिश का पानी। संवाद 111.खेतों में जमा बारिश का पानी। संवाद 111.खेतों में जमा बारिश का पानी। संवाद 111.खेतों में जमा बारिश का पानी। संवाद 111.खेतों में जमा बारिश का पानी। संवाद 111.खेतों में जमा बारिश का पानी। संवाद 111.खेतों में जमा बारिश का पानी। संवाद 111.खेतों में जमा बारिश का पानी। संवाद
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 05, 2025, 03:17 IST
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