Ayodhya News: सजीव होगा द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी लाने का दिव्य दृश्य
अयोध्या। रामायण काल की महागाथा अब तकनीक के जादू से सजीव होकर सामने आने जा रही है। द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी बूटी लाने वाले हनुमान जी का अद्भुत दृश्य अब सेवन डी तकनीक के जरिये दर्शकों को उस युग की अनुभूति कराएगा। रामकथा संग्रहालय की एक गैलरी में यह दृश्य जीवंत होता दिखेगा। आईआईटी मद्रास की विशेषज्ञ टीम ने इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। इंजीनियरों की एक टीम अयोध्या पहुंची और गैलरी के निर्माण में जुट गई है। राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक बुधवार को राम कथा संग्रहालय में हुई। बैठक में कार्यों की समीक्षा करते हुए संग्रहालय में स्थापित होने वाली गैलरियों की पटकथा पर चर्चा की गई। हनुमान की गाथा दर्शाने वाली गैलरी को हनुमान जी का परिभ्रमण- श्रीलंका से द्रोणागिरी पर्वत नाम दिया गया है। सेवन डी तकनीक पर आधारित हनुमान की गाथा जिस गैलरी में स्थापित होगी उस पर गहन मंथन हुआ। आकाश में उड़ते हनुमान, उनके हाथों में उठाया विशाल पर्वत और उसमें झिलमिलाती संजीवनी की छटा, वातावरण में गूंज रही जय हनुमान ज्ञान गुन सागरकी ध्वनि सब कुछ इतना जीवंत होगा कि लगेगा मानो सामने ही दिव्य गाथा घट रही हो। अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से ऐसा आभासी संसार रचा जाएगा, जिसमें दर्शक स्वयं को रामायण काल का प्रत्यक्ष साक्षी महसूस करेंगे। परियोजना से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि सेवन डी अनुभव में केवल आंखों से देखना ही नहीं, बल्कि ध्वनि, प्रकाश, कंपन और सुगंध तक का ऐसा संयोजन होगा कि श्रद्धालु और दर्शक स्वयं को लंका युद्ध के बीच खड़ा पाएंगे। यह रामायण की कथा को आधुनिक युग की तकनीक से जोड़ने का अद्वितीय प्रयास है। रामकथा संग्रहालय के निदेशक डॉ़ संजीव सिंह का दावा है कि रामकथा संग्रहालय देश का पहला ऐसा संग्रहालय होगा जो सेवन डी तकनीक से लैस होगा। सेवन डी तकनीक का अभी तक फिल्मों में प्रयेाग होते देखा गया है, किसी संग्रहालय में इस तकनीक का प्रयोग पहली बार होने जा रहा है। हनुमान की गाथा प्रदर्शित करने के लिए विजुअल, होलोग्राफी,आदि तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रामकथा संग्रहालय के सुंदरीकरण का काम पीएम संग्रहालय की तर्ज पर हो रहा। पीएम संग्रहालय के निर्माण में तकनीकी सहयोग देने वाली संस्था टैगविन रामकथा संग्रहालय के निर्माण में भी योगदान देगी। इसका चयन सलाहकार कंपनी के रूप में किया गया है। डॉ़ संजीव सिंह ने बताया कि हनुमान की गाथा प्रदर्शित करने वाली पटकथा को फाइनल कर दिया गया है। आईआईटी मद्रास के इंजीनियरों की टीम अयोध्या पहुंच गई है और उपकरण लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। अयोध्या धाम में जल्द ही यह अलौकिक अनुभव श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होगा। तकनीक और परंपरा का यह संगम, हनुमान की गाथा को अमर बनाकर भावी पीढ़ियों के हृदय में संजो देगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 20, 2025, 21:02 IST
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