एआई की पहचान: अब मोबाइल पर दिखेगा फर्क, IIT जोधपुर बना रहा पहचानने वाला टूल; जल्द होगा लॉन्च

आप अपने मोबाइल पर जो वीडियो या अन्य सामग्री देख रहे हैं वह ओरिजनल है या फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा तैयार, आने वाले दिनों में इसे जानना मुश्किल नहीं होगा। केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट के तहत आईआईटी जोधपुर ऐसा तकनीकी टूल तैयार कर रहा है जिससे एआई की मदद से तैयार सामग्री को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, दो से तीन महीने में इस तकनीक को लॉन्च किया जा सकता है। मुंबई के जिओ वर्ल्ड सेंटर में आयोजित विश्व दृश्य श्रव्य और मनोरंजन सम्मेलन (वेव्स) के दौरान मीडिया ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से एआई के खतरों और चुनौतियों से जुड़ा सवाल पूछा। इस पर केंद्रीय मंत्री ने माना कि एआई में खतरा तो है। इसीलिए यह चर्चा का महत्वपूर्ण बिंदु है। तकनीक की दुनिया में हमें नुकसान से कैसे बचना इसके कई अप्रोच हो सकते हैं। जैसे, उसे बंद करके ताला लगा दो या फिर कानून बना दो। लेकिन, हमारा मानना है कि दृष्टिकोण ऐसा होना चाहिए जिससे समस्या का व्यवहारिक समाधान हो सके। ये भी पढ़ें:-कृषि में नई क्रांति: शिवराज सिंह चौहान ने लॉन्च किए दो जीनोम-एडिटेड चावल की किस्म, लागत घटेगी और पानी बचेगा तकनीक का समाधान, तकनीक से संभव हमने महसूस किया कि तकनीक का समाधान तकनीक से ही निकलता है। इसी दृष्टिकोण के साथ हमने एआई सेफ्टी इंस्टीट्यूट के तहत देश के विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) को बहुत से अलग-अलग प्रोजेक्ट दिए हैं। उन्हें कहा है कि वह ऐसे तकनीकी टूल्स बनाएं जिससे एआई के नुकसान को रोका जा सके। इसी के तहत एक प्रोजेक्ट आईआईटी जोधपुर को दिया गया है। यह संस्थान ऐसा तकनीकी टूल बना रहा है कि जो कंटेंट आपको दिखता है वह एआई जेनरेटेड है या ओरिजनल। यह पता करने के लिए उन्होंने एक तकनीक विकसित की है जो दो-तीन महीने में पूरी होकर लॉन्च भी कर दी जाएगी। ये भी पढ़ें:-नमामि गंगे कार्यक्रम: गंगा हुई स्नान योग्य, पर यूपी के दो हिस्सों में अब भी संकट; कचरा निपटान में बड़ी कमी एआई के खतरों से निपटने के लिए जागरूकता भी जरूरी एआई के खतरों को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सिर्फ कानून बनाने से सब कुछ नहीं हो जाता है। बल्कि समाज को शिक्षित, जागरूक करना पड़ेगा। तकनीकी टूल बनाने पड़ेंगे, उन्हें कैसे लागू करना यह देखना होगा। सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर हम काम कर रहे हैं। दुनिया, भारत के इस विचार को लीडरशिप मान रही है। चार दिन तक आयोजित वेव्स के विभिन्न सत्रों में भी एआई के फायदों और नुकसान पर चर्चा हुई हैं। जब पीएम मोदी ने वेव्स का उद्घाटन करने के बाद क्रिएटर्स से मुलाकात की तो उनकी चर्चा में एआई का भी जिक्र आया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 05, 2025, 07:38 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




एआई की पहचान: अब मोबाइल पर दिखेगा फर्क, IIT जोधपुर बना रहा पहचानने वाला टूल; जल्द होगा लॉन्च #IndiaNews #National #ArtificialIntelligence #AshwiniVaishnav #Study #SubahSamachar