INDIA-CHINA : सीधी उड़ान से चार गुना बढ़ सकते हैं यात्री, भारत के इस सेक्टर के लोगों को होगा डबल फायदा

भारत और चीन के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा और टूरिस्ट वीजा, सीमा व्यापार जैसे कदमों के बाद अब रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा अक्टूबर 2025 के अंत तक शुरू हो सकती है। इसकी शुरुआत इंडिगो करेगी, जो भारत के कोलकाता से चीन के ग्वांगझू की उड़ान 26 अक्टूबर से शुरू कर कर सकती है। ये उड़ान रात दस बजे भारत से रवाना होगी। जो सुबह 4 बजे चीन पहुचंगी। एक टिकट की कीमत 15 हजार रुपए है। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि, दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाएं अक्टूबर 2025 के अंत से शीतकालीन शेड्यूल के तहत शुरू होगी। इस बीच एविएशन सेक्टर के विशेषज्ञों का मानना है कि,दोनों देशों के बीच सीधी फ्लाइट सेवा शुरू होने से यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। यात्रियों की संख्या तीन से चार गुना बढ़कर 30-40 लाख सालाना पहुंच सकती है। इस तरह के डायरेक्ट फ्लाइट सेवा से छात्रों, व्यापारी, पर्यटकों के समय और खर्च दोनों की बचत होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि, सीधी फ्लाइट सेवा छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए राहत लेकर आई है। क्योंकि इनके व्यापार की सप्लाई चेन चीने से जुड़ी होती है। विमान सेवा से ई-कॉमर्स, फार्मा,मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सप्लाई चेन तेज होने की उम्मीद है। चीन के लोग भी बड़ी संख्या में पर्यटन के लिए भारत आएंगे। बौद्ध पर्यटन स्थल जैसे गया, लद्दाख, बोधगया,सारनाथ, कुशीनगर, नालंदा, अजंता-एलोरा की गुफाओं में चीनी पर्यटकों की दिलचस्पी रहती है। वहीं, इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स का कहना है कि, हमें भारत के दो स्थानों से चीन के लिए सीधी कनेक्टिविटी फिर से शुरू करने वाले पहले लोगों में शामिल होने पर गर्व है। इससे एक बार फिर लोगों, वस्तुओं और विचारों का निर्बाध आवागमन संभव होगा। इसके साथ ही दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे। अब तक इसलिए बंद थी सीधी फ्लाइट दरअसल, गलवान झड़प और कोरोना महामारी के बाद से भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाएं बंद कर दी गई थीं। इन पांच वर्षोंमें दोनों देशों के बीच न तो पर्यटक आसानी से आ-जा सके और न ही बिजनेस ट्रिप्स पहले जैसी हो पाईं। लेकिन अब कूटनीतिक वार्ताओं और रिश्तों में आई नरमी के चलते फिर से आसमान का रास्ता खुलने जा रहा है। यह फैसला दोनों देशों के रिश्तों में आई नरमी का प्रतीक है। पिछले साल से सीमा पर तनाव कम करने के लिए कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ताएं हुईं। साथ ही व्यापारिक पाबंदियों में ढील और हाई लेवल मीटिंग ने भी माहौल को अच्छा बनाया। पहले हर हफ्ते 500 डायरेक्ट फ्लाइट चलती थी। भारत और चीन के बीच 9 नॉन स्टॉप रूट थे। इनमे दिल्ली शंघाई, मुंबई-बीजिंग, कोलकाता-कुनमिंग शामिल है। सलाना ट्रैफिक 12.5 लाख था। दिल्ली शंघाई रूट पर करीब 1.49 लाख सलाना यात्रा करते थे। लेकिन 2024 दोनों देश के बीच यात्री घकर 6.17 लाख रह गए। यह हांगकांग, सिंगापुर और बैंकॉक होते चीन जाते है। चीनी विदेश मंत्री के दौरे के बाद लिया गया निर्णय दोनों देश के बीच सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने की पहली घोषणा पिछले महीने चीन के विदेश मंत्री वांग यी की नई दिल्ली यात्रा के बाद की गई थी। पिछले साल से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो रहा है। 2024 के अंत में देपसांग और डेमचोक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों की वापसी और भरोसेमंद कदम उठाने से रिश्ते स्थिर हुए हैं। इसमें उच्च स्तर की कूटनीतिक और सैन्य बातचीत, ट्रैक-2 बातचीत और कुछ व्यापार प्रतिबंधों में ढील शामिल है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 04, 2025, 15:23 IST
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