India-China Trade: सरकार अब नरम? जानिए क्या है असली वजह! | इंपोर्ट में राहत, इंडस्ट्री में हलचल! | The Bonus
भारत सरकार अबचीन से इंपोर्टपर लगाई गई सख्ती को आंशिक रूप से घटाने की तैयारी में है। पिछले कुछ वर्षों में, विशेषकर गलवान विवाद और कोविड के बाद, भारत ने कई चीनी उत्पादों पर नियंत्रण और प्रतिबंध लगाए थे। इसका उद्देश्य था घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ना। लेकिन अब सरकार नीतिगत लचीलापनदिखाने की सोच रही है, क्योंकि कई उद्योग चीन से मिलने वाले कच्चे माल और कंपोनेंट्स पर निर्भर हैं। सूत्रों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, ऑटो पार्ट्स और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में इंपोर्ट प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है। उद्योग जगत का कहना है कि अत्यधिक प्रतिबंधों से उत्पादन लागत बढ़ रही है और निर्यात प्रतिस्पर्धा घट रही है। वहीं, सरकार का मानना है कि रणनीतिक सेक्टरों में सुरक्षाबरकरार रखते हुए आर्थिक जरूरतों के अनुसारलचीलापन जरूरी है। यह फैसला भारत-चीन व्यापार संतुलनऔर वैश्विक सप्लाई चेन दोनों को प्रभावित कर सकता है। 2024-25 में दोनों देशों के बीच व्यापार पहले से ही रिकॉर्ड स्तर पर है, और भारत के लिए यह चुनौती है कि कैसे वह सुरक्षा, स्वदेशी उत्पादन और आर्थिक विकास,तीनों के बीच संतुलन बनाए। क्या यह कदम Make in India के लक्ष्य से समझौता है या व्यावहारिक नीति सुधारइस बदलाव का असर उद्योग, रोजगार और उपभोक्ता बाजार—तीनों पर देखने को मिलेगा।भारत की यह नई रणनीति आर्थिक रूप से राहत दे सकती है, लेकिन सवाल ये है क्या यह चीन पर निर्भरताफिर से बढ़ाने की शुरुआत तो नहीं
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 05, 2025, 14:34 IST
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