Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में रोजगार के नए अवसर, ईपीएफ खातों का आंकड़ा सात साल में दोगुना
यूटी बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में नौकरियों के अवसर बढ़ रहे हैं। निजी और सरकारी क्षेत्रों में लोगों को नौकरियां मिल रहीं हैं। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2018 के मुकाबले ईपीएफ खातों की संख्या दोगुनी हो गई है। लोग निजी कंपनियों, ठेकेदारों के माध्यम से सरकारी अनुबंध पर और अन्य जगहों पर काम कर रहे हैं। ईपीएफ कटने से उनका भविष्य सुरक्षित हुआ है। काम छोड़ने के बाद जमा राशि लोग निकाल रहे हैं। ईपीएफ खातों की संख्या बढ़ने का सबसे बड़ा कारण विभाग के जागरूकता अभियान रहे हैं। ठेकेदारों, कंपनियों से भी ईपीएफओ ने समय-समय पर कर्मचारियों का ब्योरा मांगा। इससे कर्मचारियों के खाते खुलवाने की संख्या बढ़ी। यूटी बनने से पहले 2018 तक प्रदेश में करीब 3 लाख ईपीएफ खाते थे। 31 अक्तूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बना। 2020 में ईपीएफ खातों की संख्या 3 लाख 60 हजार पहुंच गई। इसके बाद खातों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी हुई। यह जरूर है कि 2021 में इसकी रफ्तार सुस्त रही और 19 हजार कर्मचारियों के ही खाते खुले। 2022 में इसमें फिर तेजी आई और 49 हजार लोग लाभान्वित हुए। वहीं, 2023 में 66 हजार कर्मचारियों के खाते खुले। 2024 से अब तक 1 लाख 14 हजार खाते खुले।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 05, 2025, 13:59 IST
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