Pithoragarh News: डोली पर सवार जिंदगी पहले सड़क और फिर ढूंढती है इलाज

झूलाघाट (पिथौरागढ़)। नेपाल सीमा पर बसा जिले का बसौड़ गांव सड़क की पहुंच तक नहीं आ सका है। सरकारी दावे इस गांव तक आते-आते हांफ चुके हैं और इसकी मार यहां के बीमार लोगों और गर्भवतियों पर पड़ रही है। पीलिया और टायफायड से जूझ रही गांव निवासी सुनीता देवी (50) का स्वास्थ्य बिगड़ने पर बृहस्पतिवार को लोग उन्हें पहले डोली से सड़क तक लाए। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया जा सका। सुनीता देवी (50) लंबे समय से पीलिया और टायफायड से ग्रसित हैं। सड़क के अभाव में उनका इलाज के लिए अस्पताल पहुंचना संभव नहीं था। ऐसे में वह किसी तरह बाजार से दवा मंगाकर बीमारी से उबरने की उम्मीद कर रही थीं। बृहस्पतिवार को उनका स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ गया। ऐसे में परिजनों गांव वालों से डोली के लिए मदद मांगी। लोग तैयार हुए और डोली का इंतजाम किया गया।पहले ग्रामीण दो किमी की खड़ी चढ़ाई पर किसी तरह डोली से महिला को लेकर सड़क तक पहुंचे। इसके बाद वाहन से करीब 35 किमी सफर के बाद सुनीता देवी को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। महिला की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने तुरंत उनका इलाज शुरू किया। फिलहाल उनकी हालत में सुधार बताया जा रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक महिला पीलिया और टायफायड से गंभीर रूप से बीमार है।--एक महीने में चार मरीजों की डोली ने बचाई जानऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब बसौड़ के किसी बीमार के लिए डोली सहारा बनी हो। बीते एक महीने में इस गांव के चार बीमार लोगों को ग्रामीणों ने डोली के सहारे कांटे बोरा (सड़क इसी स्थान से शुरू होती है) तक पहुंचाया। इसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाकर इलाज कराया गया। ग्रामीण संजय कुमार, हरी राम, राजेंद्र भाटिया, रमेश चंद, ललिता चंद आदि ने बताया कि दो किमी की खड़ी चढ़ाई में सामान्य लोगों के पसीने छूट जाते हैं।---''''सरकारी दावों की पोल खोल रही हमारी हालत'''' गांव निवासी मोहन राम, गोविंद राम, रमेश राम और रोहित कुमार का कहना है कि मंत्रियों और नेताओं के दावों में तो देवभूमि का विकास रफ्तार से हो रहा है लेकिन जमीनी हकीकत इनकी पोल खोल रहे हैं। सड़क न होने से बीमार और गर्भवतियों को डोली के सहारे अस्पताल पहुंचाना इन गांवों में रहने वाले लोगों की नियति बन चुका है। आए दिन मरीजों और गर्भवतियों को इस रास्ते पर डोली के सहारे खतरे के बीच सड़क तक पहुंचाना नियति बन चुका है। यदि गांव तक सड़क बन जाती तो परेशानी कम हो जाती।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 29, 2025, 22:33 IST
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Pithoragarh News: डोली पर सवार जिंदगी पहले सड़क और फिर ढूंढती है इलाज #LifeOnATrolleyFirstLooksForTheRoadAndThenTheCure. #SubahSamachar