MP News: हादसे के बाद MPRDC की नींद टूटी, 8 दिसंबर तक सभी पुल की रिपोर्ट मांगी,अब एजीएम ठाकुर भी निलंबित
रायसेन में पुल के भरभरा गिरने और एक व्यक्ति की मौत के बाद मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) के अधिकारियों की नींद टूटी है। अब प्रदेश के सभी पुल की रिपोर्ट मंगाई गई है। वहीं, रायसेन मामले में अब समिति की जांच रिपोर्ट पर प्रभारी सहायक महाप्रबंधक विक्रम सिंह ठाकुर को भी निलंबित कर दिया गया है। मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) के प्रबंध संचालक भरत यादव ने प्रदेशभर में निगम के अधीन सभी पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए कि 8 दिसंबर तक प्रत्येक पुल का विस्तृत निरीक्षण कर तकनीकी मानकों के अनुरूप सभी जानकारी जियो-टैग फोटोग्राफ्स सहित मुख्यालय को भेजी जाए, ताकि समय रहते पुलों की संरचनात्मक स्थिति का आकलन किया जा सके। ये भी पढ़ें-Bhopal News:झगड़े के बाद अशोका गार्डन में तनाव, हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष चंद्रशेखर ने की कार्रवाई की मांग मरम्मत कार्यों में सुरक्षा का कड़ाई से पालन करने के निर्देश एमपीआरडीसी ने पुलों की सुरक्षा को लेकर विस्तृत तकनीकी प्रोटोकॉल जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि मौजूदा पुलों की सीमेंट कांक्रीट वियरिंग कोट पर किसी भी स्थिति में बीटी ओवरले नहीं किया जाए और DPR में IRC मानकों के अनुरूप मैस्टिक ऐस्फाल्ट को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। सभी निर्माण व मरम्मत कार्यों में वर्क ज़ोन सेफ्टी सहित सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन करना होगा। अत्यधिक क्षतिग्रस्त पुलों पर जिला प्रशासन की अनुमति से यातायात रोकने और वैकल्पिक मार्ग विकसित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।एमडी यादव ने कहा कि Very Poor और Poor कैटेगरी के पुलों के निरीक्षण को GM और CE स्तर पर प्राथमिकता दी जाए और मरम्मत कार्य केवल अनुभवी एजेंसियों से ही कराया जाए। बरेली ब्रिज की तरह किसी भी त्रुटि को रोकने के लिए जोनल एजेंसी से मरम्मत कार्य कराने पर प्रतिबंध लगाया गया है। सभी सुधार कार्य ब्रिज विशेषज्ञों की निगरानी में होंगे। नए और अच्छी स्थिति वाले पुलों पर प्रोटेक्टिव कोटिंग अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी। ये भी पढ़ें-MP News:प्रदेश में तीन साल में कुपोषण खत्म करने का लक्ष्य, CM ने फुल-प्रूफ कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए नियमित जांच और सुधार का आदेश भी दिए इसके अतिरिक्त, पुलों की लोड कैरिंग कैपेसिटी, स्ट्रक्चरल एडिक्वेसी, सीस्मिक टेस्ट, कोर टेस्ट, UPV टेस्ट, कार्बोनेशन व क्लोराइड टेस्ट कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। पुलों के नीचे वेजिटेशन क्लियरेंस, नदी-नाला प्रशिक्षण, एप्रोच ड्रेनेज सिस्टम का नियमित रखरखाव अनिवार्य किया गया है। सुपरस्ट्रक्चर, गर्डर सॉफिट, बियरिंग व सबस्ट्रक्चर की नियमित जांच और सुधार का आदेश भी जारी किया गया है। एमडी यादव ने कहा कि सभी अधिकारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करें, और सुधार कार्य पूर्ण होने के बाद अनुपालन प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से मुख्यालय भेजें। ये भी पढ़ें-भोपाल गैस त्रासदी:एक ऐसी रात जिसे शहर आज भी नहीं भूल पाया, 41 वर्ष बाद भी इंसाफ का इंतजार; छलक उठे आंसू घोर लापरवाही के बाद ठाकुर पर कार्रवाई बरेला-पिपरिया मार्ग पर पुल गिरने के बाद गठित जांच समिति की रिपोर्ट में सामने आया कि उच्च स्तरीय पुल की संधारण एवं सुद्ढ़ीकरण का कार्य विक्रम सिंह ठाकुर प्रभारी सहायक महाप्रबंधक संभागीय कार्यालय भोपाल की देखरेख में किया जा रहा है। 1 दिसंबर को पुल के मरम्मत के कार्य के समय एक स्पान गिरने से दुर्घटना हो गई। इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। समिति की जांच रिपोर्ट में आया कि प्रभारी सहायक महाप्रबंधक मरम्मत के कार्य के दौरान उदासीनता एवं घोर लापरवाही बरतने, सुरक्षा मानकों का ध्यान रहीं रखने व सुरक्षित यातायात और आवागमन का प्रबंधन नहीं किए जाने के जिम्मेदार पाए गए। उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। इस दौरान उनका मुख्यालय भोपाल रहेगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 03, 2025, 19:59 IST
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