Sitapur News: सोमवती अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्ध योग में करें स्नान-दान

नैमिषारण्य (सीतापुर)। इस साल की आखिरी अमावस्या 30 दिसंबर को है। सोमवार का संयोग होने से लोगों को सोमवती अमावस्या का फल मिलेगा। सर्वार्थ सिद्ध और वृद्धि योग सोमवती अमावस्या को विशेष बना रहा है। इस दिन स्नान-दान और तर्पण के लिए करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के नैमिषारण्य पहुंचने का अनुमान है। आचार्य रमेश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस साल की आखिरी अमावस्या पर इस बार पौष सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा, यमुना, गोमती व चक्रतीर्थ में स्नान-दान करने पर विशेष फल प्राप्त होता है। पूर्वजों की तृप्ति के लिए पिंडदान व श्राद्ध भी किया जाता है। पितृदोष और कालसर्प दोष पूजा के लिए यह तिथि विशेष है।आचार्य ने बताया कि भगवान शिव का दिन सोमवार होने से सोमवती अमावस्या पर भोलेनाथ की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आचार्य ने बताया कि सोमवती अमावस्या पर महिलाओं को पीपल का पूजन करना चाहिए। पीपल की परिक्रमा करने से अखंड सुहाग का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा सायंकाल पीपल के नीचे तिल डालकर दीपक जलाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। आचार्य विवेक द्विवेदी ने बताया सोमवती अमावस्या की तिथि 30 दिसंबर की सुबह 4:01 बजे से से शुरू होगी, जो 31 दिसंबर को सुबह 3:57 बजे तक रहेगी।स्नान-दान का शुभ मुहूर्तआचार्य रमेश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि सोमवती अमावस्या के दिन स्नान व दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:23 बजे से शुरू होकर सुबह 6:18 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:03 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक रहेगा। वृद्धि योग सुबह से लेकर रात 8:32 बजे तक है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 28, 2024, 20:19 IST
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