Bareilly News: पुलिस मलती रही हाथ, साइबर ठग विक्की के साथी भागे नेपाल
बरेली। झारखंड के जामताड़ा में बैठे साइबर ठगों का दोस्त सीबीगंज निवासी विक्की साहू भले ही जेल चला गया हो, लेकिन उसके चारों साथियों का सुराग पुलिस को नहीं मिल सका है। सूत्र बताते हैं कि विक्की के बरेली निवासी चारों साथी नेपाल भाग गए हैं। टीम उनकी तलाश में दबिश दे रही है। करीबियों के नंबर भी सर्विलांस पर लगाए हैं।पुलिस के मुताबिक, विक्की साहू स्थानीय स्तर पर साइबर ठगी का संगठित गिरोह चला रहा था। देश के विभिन्न राज्यों खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार व हरियाणा में हुए साइबर ठगी के मामले में बरेली के खाते और मोबाइल नंबर इस्तेमाल किए गए थे। खातों से लिंक मोबाइल नंबर ट्रेस करते हुए बरेली साइबर क्राइम थाना पुलिस ने तीन दिन पहले विक्की साहू को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि विक्की को जामताड़ा के ठगों से मिलवाने में शहर निवासी उसके साथी की प्रमुख भूमिका थी। उसके अलावा तीन अन्य साथी भी उत्तराखंड के रास्ते नेपाल निकल गए हैं। दरअसल विक्की साहू की गिरफ्तारी की भनक लगते ही उसके साथी शहर छोड़ गए। सभी आरोपी जामताड़ा में बैठे साइबर ठगों को ठगी के लिए खाते उपलब्ध कराते थे और उन खातों से लिंक मोबाइल नंबर लेकर साइबर ठगों को देते थे। इससे खाते का संचालन साइबर ठग अपने हाथ में ले लेते थे। विभिन्न राज्यों में अलग-अलग पैंतरे अपनाकर साइबर ठग इन खातों में रुपये डाल रहे थे। साइबर क्राइम पुलिस ने जब खातों की छानबीन शुरू की तो विक्की साहू और उसके गैंग के बारे में पता चला। अब पुलिस जेल में जाकर विक्की से पूछताछ कर सकती है। शराब की दुकान पर सस्ते में खोज लेते थे खाताधारकसाइबर क्राइम थाना पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि विक्की के साथी शराब की दुकानों पर खड़े होकर नशे के आदी लोगों से मेलजोल बढ़ाते थे। उन्हें नशा कराकर और कमीशन का झांसा देते थे। आधार कार्ड व अन्य आईडी लेकर उनके खाते खुलवाते थे। उन्हीं लोगों की आईडी से सिम खरीदते थे। फिर खाता खुलने के बाद उसकी पासबुक, डेबिट कार्ड व खाते से जुड़ा सिम कार्ड जामताड़ा में बैठे साइबर ठग विशाल और उसके साथियों तक पहुंचाते थे। जामताड़ा के साइबर ठग इन खातों का इस्तेमाल साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए करते थे। फिर क्यूआर कोड, डेबिट कार्ड और यूपीआई का इस्तेमाल कर खातों से रकम निकाल लेते थे। शिकायत होने पर पुलिस जिस खाते को फ्रीज करती थी, साइबर ठग उससे संबंधित सभी दस्तावेज व सिम नष्ट कर देते थे। इसलिए पुलिस असली साइबर ठगों तक पहुंच ही नहीं पाती थी। अब विक्की से पूछताछ और उसके मोबाइल फोन की जांच में कई खातों की जानकारी मिली है, जिनकी जांच की जा रही है।यूपी का जामताड़ा बना था धंतिया, साइबर ठगों ने बदनाम किया था गांवफतेहगंज पश्चिमी के गांव धंतिया की पहचान कुछ साल पहले तक यूपी के जामताड़ा के रूप होती थी। धंतिया निवासी शातिरों और हवाला धंधेबाजों ने देश के विभिन्न राज्यों में गांव को बदनामी का दाग दिया था। अब धंतिया के शातिर आसपास के इलाके में फैल गए हैं। ये लोग बड़े पैमाने पर सीधे-सादे लोगों के खाते परसाखेड़ा और सीबीगंज क्षेत्र के बैंकों में खुलवाकर उनका इस्तेमाल अवैध लेनदेन में करते हैं। शहर में बड़े पैमाने पर ऐसे खाते संचालित हो रहे हैं, जिनका संचालन दूसरे संदिग्ध लोगों के पास है। ब्यूरो--विक्की साहू के चारों साथियों की तलाश की जा रही है। उनके नेपाल भागने की चर्चा है। उनके स्थानीय नेटवर्क की जानकारी की जा रही है। जल्दी ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। सही इनपुट मिला तो टीम जामताड़ा भी जा सकती है। - नीरज सिंह, इंस्पेक्टर साइबर थाना
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 26, 2025, 03:04 IST
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