राशनकार्ड फर्जीवाड़ा : चार हजार फर्जी लाभार्थी बाहर, बाकियों का रिकार्ड तलब

खाद्य आपूर्ति विभाग की जांच में खुलासा, बीपीएल और अंत्योदय सूची से फर्जी लाभार्थी बाहर40 हजार कार्डधारकों पर चल रही जांचसंदेह के दायरे में वाले राशनकार्डधारकों पर लाभार्थियों पर कार्रवाई की तैयारी, पटवारियों और पंचायत सचिवों से मांगा रिकॉर्डसुमित ठाकुरशिमला। जिले में अंत्योदय अन्न योजना और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) के राशन कार्ड धारकों की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अब तक की जांच में चार हजार से ज्यादा फर्जी लाभार्थी पकड़े गए हैं। इन सभी को खाद्य आपूर्ति विभाग ने राशन कार्ड धारकों की सूची से बाहर कर दिया है।इसके अलावा 40 हजार से ज्यादा अन्य लाभार्थियों पर भी जांच तेज हो गई है। इन्हें पकड़ने के लिए विभाग ने पंचायत सचिवों और पटवारियों से रिकॉर्ड तलब किया है। इसमें यह जांचा जा रहा है कि राजस्व रिकॉर्ड में कितने लोगों के पास ज्यादा जमीन है और कितने लोग अभी भी सस्ता या मुफ्त का राशन ले रहे हैं।खाद्य आपूर्ति विभाग ने पटवारियों और पंचायत सचिवों को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में विभाग ने स्पष्ट लिखा है कि ऐसे लोगों की सूची तुरंत बनाकर विभाग को सौंपी जाए, जिनके पास तय सीमा से अधिक जमीन है। लिहाजा जांच के बाद इन्हें अपात्र घोषित करके बीपीएल और अंत्योदय अन्न योजना की सूची से तुरंत बाहर किया जा सके, ताकि सरकार की ओर से दिया जाने वाला राशन वास्तव में उन्हीं लोगों को मिल सके जो इसके हकदार हैं।अभी राशन डिपुओं में बीपीएल कार्ड धारकों को हर महीने 19 किलो आटा और 15 किलो चावल प्रति सदस्य की दर से दिया जाता है। अंत्योदय अन्न योजना के तहत पात्र परिवारों को 15 किलो चावल पूरी तरह मुफ्त और 18 किलो 800 ग्राम आटा 1.20 रुपये प्रति किलो की दर से दिया जाता है। जिला में 55 हजार राशन कार्ड लाभार्थी संदेह के दायरे में हैं। इन पर जांच चल रही है।कई लोग जुड़वा रहे नाम जिन लोगों के नाम संदेह के आधार पर हटाए गए हैं, वे इन दिनों खाद्य आपूर्ति विभाग में अपने नाम जुड़वाने के लिए आ रहे हैं। ऐसे लोगों को विभाग नगर निगम (एमसी) कार्यालय भेज रहा है, जहां वे अपनी पात्रता साबित करके आवश्यक प्रमाण पत्र को नवीनीकृत (रिन्यू) करवा सकते हैं। इसके बाद इन्हें सूची में दोबारा जोड़ा जा रहा है।कई सर्टिफिकेट के लिए कर रहे टालमटोलइन दिनों विभाग ने शहर के डिपो संचालकों को भी इस काम में लगाया है। संचालकों को निर्देश जारी दिए हैं कि ऐसे बीपीएल परिवार, जो संदिग्ध श्रेणी में हैं, उन्हें कॉल करके सर्टिफिकेट दिखाने को कहा जाए। जब संचालक लोगों को कॉल कर रहे हैं तो अधिकांश लोग इस प्रक्रिया को लेकर टालमटोल कर रहे हैं। कुछ ऐह भी कह रहे हैं कि ऐसे ही चलने दो, यानी जब तक राशन मिल रहा है, देते रहो, वरना न दो।स्वयं कार्ड करें सरेंडरऐसे लोग जिनके पास योग्यता अनुसार संसाधन हैं, वे स्वयं आगे आकर अपना कार्ड सरेंडर करें, ताकि असल में पात्र लोगों को ही इस योजना का लाभ मिल सके।- नरेंद्र धीमान, जिला नियंत्रक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 12, 2025, 17:35 IST
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