सीएम सैनी पहुंचे कुरुक्षेत्र: महाभारत अनुभव केंद्र के निर्माण कार्य का लिया जायजा, जल्द पूरा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री नायब सैनी मंगलवार सुबह ज्योतिसर में निर्माणाधीन महाभारत अनुभव केंद्र पहुंचे और अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी निर्माण कार्य शेष है, उन्हें जल्द निपटाया जाए। करीब दो माह के दौरान मुख्यमंत्री महाभारत अनुभव केंद्र में दूसरी बार पहुंचे थे। इससे पहले भी उन्होंने काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद काम करीब 98 फीसदी पूरा हो चुका है। संभावना जताई जा रही है कि अगले 20 दिन तक ही यह कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा। चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नंवबर को कुरुक्षेत्र दौरे के दौरान इस केंद्र का भी लोकार्पण कर सकते हैं। इसके दो भागों का वे आनलाइन पहले ही लोकार्पण कर चुके हैं लेकिन ये भी आज तक आमजन के लिए नहीं खोले गए हैं। चार दिवसीय रत्नावली महोत्सव का रंगारंग आगाज आज होगा। महोत्सव में हरियाणवी संस्कृति के साथ आधुनिकता की भी झलक मिलेगी। प्रदेश के सबसे बड़े सांस्कृतिक उत्सव बन चुके इस वार्षिक महोत्सव में एक ओर जहां हरियाणवी पॉप साॅन्ग सुनाई देगा तो यहां आने वाले दर्शक लोकनृत्य लूर का भी आनंद उठा सकेंगे। महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री नायब सैनी करेंगे। इस सांस्कृतिक महाकुंभ में प्रदेशभर के 3500 युवा कलाकार 34 विधाओं में छह मंचों पर हरियाणवी संस्कृति के लोक रंग बिखेरेंगे। इस सांस्कृतिक महाकुंभ में आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी भारत की झलक दिखाई देगी। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से खास हरियाणवी पवेलियन सजाया गया है, यहां विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ छात्रों को 40 स्टाॅल दिए गए हैं। इनमें छात्र-छात्राओं की ओर से तैयार किए गए हरियाणवी खान-पान के साथ देशी उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस बार खासतौर पर रत्नावली समारोह की तैयारियों के लिए स्वदेशी चीजों का प्रयोग किया जा रहा है और समारोह को प्लास्टिक मुक्त रखने का प्रयास किया गया है। खास चौपाल में दिखेंगे अपनी माटी अपनी बोली के रंग इस बार महोत्सव हरियाणवी बोली को हरियाणवी भाषा के रूप में स्थापित करने का प्रयास करेगा। इसी के चलते मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों की ओर से खास हरियाणवी चौपाल तैयार की गई है। यहां छात्र पाॅडकास्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री से लेकर सभी अतिथियों व कलाकारों का हरियाणवी भाषा में साक्षात्कार लेंगे। हरियाणवी संस्कृति को सोशल मीडिया से किया जाएगा प्रोत्साहित संस्थान के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया के मुताबिक संस्थान के छात्र सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म के लिए रत्नावली समारोह की सभी विधाओं पर आधारित वीडियो, पाॅडकास्ट व रील बनाएंगे। साथ ही फोटोग्राफी भी की जाएगी जिसमें खासतौर पर हरियाणवी भाषा को बढ़ावा देने का कार्य किया जाएगा। पहली बार यह प्रयोग किया जा रहा है। संस्थान के शिक्षक एवं छात्र ही इसका संचालन करेंगे। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि हरियाणवी संस्कृति व व्यंजनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले। हरियाणवी बोली में निकलेगा न्यूज लेटर हरियाणवी बोली को भाषा के रूप में स्थापित करने के प्रयास के साथ रत्नावली समारोह में पहली बार हरियाणवी न्यूज लेटर निकाला जाएगा जिसका विमोचन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करेंगे। विश्वविद्यालय के मीडिया एवं प्रौद्योगिकी संस्थान की ओर से यह न्यूज लेटर तैयार किया गया है। हरियाणवी खीर, हलवा, गुलगुले, पूड़े का मिलेगा जायका युवा पीढ़ी को अपने परंपरागत व प्राचीन खान पान से रूबरू करवाने के लिए महोत्सव में पहली बार हरियाणवी व्यंजनों की प्रतियोगिता होगी। प्रत्येक शिक्षण संस्थान से एक टीम भाग ले सकती है और टीम में पांच विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं। प्रत्येक टीम पांच से 10 हरियाणवी व्यंजन बना सकती है जिसमें खासतौर पर हरियाणवी खीर, हलवा, लापसी, गुलगुले, पूड़े, सुहाली, शक्करपारे, सरसों का साग, बाजरे व मक्के की रोटी, लस्सी, रायता, चूरमा और घी कसार को शामिल किया गया है। प्रतियोगिता में प्रथम आने वाली टीम को 5100 रुपये का नकद पुरस्कार, द्वितीय टीम को 3100, तीसरे स्थान पर आने वाली टीम को 1100 रुपये व पांच टीमों को सांत्वना पुरस्कार मिलेगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 28, 2025, 08:34 IST
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