Champawat News: हथकरघा मेला रद्द करने पर एसडीएम लोहाघाट को फटकार

चंपावत। किसी संगठन को केवल इस कारण विरोध करने का अधिकार नहीं है कि वह स्थानीय और संख्या में अधिक है। निजी हित से ज्यादा महत्वपूर्ण सार्वजनिक हित होता है। आपने बिना पक्षकार को सुने ही हथकरघा मेला रद्द करने का आदेश कैसे दे दिया। विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत ने यह टिप्पणी करते हुए एसडीएम लोहाघाट को फटकार लगाई है। कोर्ट ने एसडीएम से निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए 48 घंटे में कानूनी प्रक्रिया के तहत नया निर्णय लेने का आदेश दिया है।अभियोजन पक्ष के अनुसार जीआईसी लोहाघाट के मैदान में 25 मई से 13 जून तक हथकरघा मेला आयोजित होना था। विभागों की अनापत्ति के बाद एसडीएम नितेश डांगर ने ऊधमसिंह नगर निवासी ताज मोहम्मद की फर्म को मेला लगाने की अनुमति दी थी। स्थानीय व्यापारियों के विरोध के बाद एसडीएम ने 22 मई को मेला रद्द करने का आदेश दिया था। आदेश के विरोध में ताज मोहम्मद ने न्यायालय में चुनौती दी। वादी का कहना था कि उन्हें सुने बिना ही मेला रद्द करने का फरमान सुना दिया गया, जबकि उनके अलावा कई व्यापारी अपना सामान लेकर लोहाघाट पहुंच गए थे। अब मेला रद्द होने से उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हो गया है।मामले की सुनवाई करते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत ने एसडीएम को फटकार लगाई। न्यायालय ने कहा कि स्थानीय व्यापारियों के व्यापार पर प्रभाव की आशंका मेले की अनुमति रद्द करने का आधार नहीं हो सकती। मेले में दुकान लगाने वालों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी लाभ मिलता है। यह सही नहीं है कि जो लोग बड़े समूह में शामिल हैं, वे हस्तक्षेप करने की धमकी दे रहे हैं। मामलों को बहुसंख्यक समूह की राय और सनक के बजाय कानून व शासन के अनुसार चलाया जाए। कोर्ट ने एसडीएम से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए नया निर्णय लेने का आदेश दिया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 29, 2025, 22:31 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Champawat News: हथकरघा मेला रद्द करने पर एसडीएम लोहाघाट को फटकार #SDMLohaghatReprimandedForCancelingHandloomFair #SubahSamachar