आतिशबाजी पर विशेष: क्षण भर की खुशी खतरे में डाल सकती है जान, हृदय रोग विशेषज्ञ कि जान लीजिए यह रिपोर्ट

दीपावली पर आतिशबाजी गालियों और छतों पर करने के बजाय खुले मैदान में करें। आपकी क्षण भर की खुशी किसी की जान खतरे में डाल सकती है। खासतौर पर हृदय व बीपी रोगियों को दिक्कत हो सकती है। यह कहना है हृदय रोग विशेषज्ञों का। आतिशबाजी के धुएं में हानिकारक सूक्ष्म कण मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक शर्मा का कहना है कि आतिशबाजी का धुआं श्वांस के जरिये तेजी से शरीर में जाता है। इसका असर न सिर्फ फेफड़ों पर होता है बल्कि हृदय की वाहिकाओं में भी सूजन आ जाती है, जो घातक होती है। उन्होंने बताया कि आतिशबाजी के धुएं में हानिकारक सूक्ष्म कण (पार्टिकुलेट मैटर) होते हैं। जिंक, सल्फर, कॉपर और सोडियम आदि खतरनाक रसायन होते हैं। श्वांस के जरिये शरीर में जाने पर खांसी होती है। दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा फेफड़ों में जलन हो सकती है। दिल का दौरा, स्ट्रोक का भी कारण हो सकता है। उन्होंने बताया कि जब अचानक तेज धमाका होता है, तब शरीर में एड्रेनालाइन जैसे घातक हार्मोन निकलते हैं। इससे दिल की धड़कन अनियंत्रित तरीके से बढ़ जाती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। कई रोगियों का ब्लड प्रेशर इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि तबीयत बिगड़ने लगती है। मास्क लगाकर रखें हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. निर्देश जैन का कहना है कि आतिशबाजी से हृदय रोगी और अस्थमा रोगी दूरी बनाकर रहें। आतिशबाजी के धुआं और धमाकों की आवाज से इन रोगियों की दिक्कत बढ़ जाती है। यही वजह है कि दीपावली के बाद हृदय रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। हृदय और अस्थमा रोगी मास्क लगाकर रहें।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 19, 2025, 08:47 IST
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