Panipat News: विद्यार्थी ग्रीष्मावकाश में होमवर्क के साथ सीखेंगे जीवन कौशल के गुण
- राजकीय व निजी स्कूलों में पीटीएम का आयोजन, बच्चों को दिया गृह कार्य - स्कूलों में 1 जून से शुरू होंगे ग्रीष्मकालीन अवकाश, ग्रीष्मावकाश के दौरान कौशल सीखेंगे विद्यार्थी - ग्रीष्मावकाश के दौरान पर्यटन स्थलों पर जाने की भी योजना बना रहे विद्यार्थीसंवाद न्यूज एजेंसी पानीपत। जिले के राजकीय व निजी विद्यालयों में एक जून से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होगा। इसके लिए जिले के राजकीय विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान दिए जाने वाले गृहकार्य को लेकर शनिवार को अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) का आयोजन कर पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को गृहकार्य दिया गया। वहीं, छठी से 12वीं के विद्यार्थियों को भी ग्रीष्मावकाश दिया गया। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने 31 मई को सुबह 9 बजे पीटीएम आयोजित करने के निर्देश दिए थे। एक से 30 जून तक सभी विद्यालय बंद रहेंगे। आदेशों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी क्लस्टर प्रमुख, बीआरपी और एबीआरसी को सौंपी है।अनुभव आधारित होगा गृहकार्यराजकीय प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए निपुण हरियाणा, नेशनल फ्रेमवर्क फार फाउंडेशनल स्टेज (एनसीएफ-एफएस) पर आधारित रचनात्मक, व्यवहारिक ग्रीष्मकालीन गृहकार्य तैयार किया गया है।इसके लिए विद्यार्थियों को अनुभव-आधारित कार्य करने के अवसर मिलेंगे। विद्यार्थियों को गतिविधि आधारित गृहकार्य अपने परिवार के बड़े सदस्यों के सहयोग से करने होंगे। वहीं, पीटीएम में अभिभावकों के साथ विद्यार्थियों को दिए गृहकार्य, कक्षा अनुरूप गतिविधियां व क्रियान्वयन को लेकर जरूरी निर्देश दिए जाएंगे। गृहकार्य में जीवन कौशल पर आधारित होगी गतिविधि शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मावकाश के दौरान ज्वॉयफुल एक्टिविटी के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गृहकार्य के अतिरिक्त जीवन कौशल से संबंधित गतिविधि आधारित गृहकार्य देने के आदेश दिए हैं। ग्रीष्मावकाश में अध्यापकों द्वारा जो गृहकार्य दिया जाता है वो अधिकतर पाठ्यक्रम पर आधारित होता है जबकि शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थी का चहुंमुखी विकास करके उसे आत्मनिर्भर, कुशल तथा सभ्य नागरिक बनाना है। इसलिए गृहकार्य इस प्रकार दिया जाए जिसके माध्यम से विद्यार्थी जीवन कौशल भी सीख सकें। वह पर्यावरण और जीव जंतुओं के प्रति संवेदनशील हो, परिवारों के प्रति उसकी सोच अधिक से अधिक व्यापक बनाते हुए व्यापक तथा प्रायोगिक बन सके तथा माता-पिता और अभिभावक उनके साथ अपना जुड़ाव और रिश्तों को अधिक व्यापक बनाते हुए मजबूत करें।अभिभावक के साथ मिलकर करेंगे गृहकार्ययह गृहकार्य माता-पिता के साथ मिलकर किया जाना है। ग्रीष्मावकाश में गांव व परिवार का इतिहास, भोजन का उपयोग एवं पाक कला, मेहनत के प्रति सम्मान, पुस्तकों का अध्ययन, दादा-दादी, नाना-नानी से वार्तालाप, कार्य स्थल का भ्रमण, पेड़-पौधों का संरक्षण एवं पशु पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता, टीवी, मोबाइल से दूरी, डाकघर बचत खातों का संचालन, स्वच्छ भारत अभियान के तहत आस-पास की सफाई।पर्यटक स्थलाें पर जाने की योजना बना रहे विद्यार्थी ग्रीष्मावकाश में विद्यार्थियों ने अपने अभिभावकों के साथ पर्यटक स्थलों पर जाने की योजना बनाना शुरू कर दी है। कुछ विद्यार्थी अपने दोस्तों के साथ भी छुट्टी मनाने की योजना बना रहे हैं, जो उन्हें नया अनुभव प्रदान करेगा और उनके जीवन में उत्साह लाएगा। इस दौरान वे अपनी छुट्टियों का आनंद लेंगे। वहीं, कुछ विद्यार्थियों ने अपने नाना-नानी के घर भी जाने की योजना बनाई है। विद्यार्थी अपनी छुट्टियों का आनंद लेते हैं, जो उन्हें आराम और मनोरंजन प्रदान करता है। यह समय उन्हें कुछ नया सीखने और करने का अवसर प्रदान करता है। वे कोई नया शौक जैसे संगीत सीखना, नई भाषा सीखना या बुनाई आदि शुरू कर सकते हैं।सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में पीटीएम आयोजित की। जिसमें अभिभावकों के साथ बैठक कर बच्चों को गृहकार्य दिया गया। 30 जून तक सभी विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा। इस दौरान सभी राजकीय व निजी स्कूल पूरी तरह बंद रहेंगे। - सुभाष चंद्र भारद्वाज, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, पानीपत।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jun 01, 2025, 03:19 IST
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