अध्ययन: तेज चलिए, 46% तक नियंत्रित होंगी अनियमित दिल की धड़कनें; 13 साल तक 420000 से अधिक लोगों पर हुआ शोध

तेज पैदल चलने से दिल की अनियमित धड़कनों को सामान्य होने में मदद मिलती है। इसे चिकित्सकीय भाषा में एट्रियल फिब्रिलेशन या हृदय अतालता कहा जाता है। इसमें हृदय की गति या तो असामान्य रूप से तेज हो जाती है, या अत्यधिक धीमी लेकिन ताजा शोध से यह बात सामने आई है कि तेज गति से पैदल चलना न केवल इस समस्या को नियंत्रित कर सकता है बल्कि इसके जोखिम को 46 फीसदी तक घटाने में भी मददगार साबित हो सकता है। ग्लासगो विवि के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन जर्नल हार्ट में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन में ब्रिटेन के यूके बायोबैंक के 4,20,000 से अधिक लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इसमें प्रतिभागियों ने स्वयं अपनी चलने की गति धीमी, औसत या तेज बताई। तेज गति से चलने वालों में हृदय गति असामान्यता (जैसे एट्रियल फिब्रिलेशन) का खतरा 46% तक कम पाया गया। इसी प्रकार औसत गति से चलने वालों में यह जोखिम 35% तक घटा था। वहीं, धीमी गति से चलने वालों में यह जोखिम अपेक्षाकृत अधिक रहा। 13 वर्षों के इस अध्ययन के दौरान कुल 36,574 लोगों में हृदय गति की विभिन्न समस्याएं विकसित हुईं, जिनमें वेंट्रिकुलर अतालता, अत्यधिक धीमी धड़कन और अन्य हृदय संबंधी विद्युत प्रणाली की गड़बड़ियां शामिल थीं। ये भी पढ़ें:MEA Briefing:भारत में स्थापित होगा इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस का मुख्यालय, सरकार खर्च करेगी 150 करोड़ रुपये इस तरह मदद करता है तेज चलना तेज चलने से शरीर में चयापचय दर बेहतर होती है और सूजन संबंधी कारक घटते हैं, जो हृदय की विद्युत गतिविधियों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसके अतिरिक्त यह मोटापे को कम करता है, जो हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है। शरीर में इंफ्लेमेशन (सूजन) को घटाकर हृदय की कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखता है। इससे रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन वितरण बेहतर होता है, जिससे हृदय पर तनाव कम पड़ता है। निष्क्रिय लोगों में मृत्यु का जोखिम सक्रिय लोगों के मुकाबले 20 से 30% ज्यादा विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जो लोग निष्क्रिय रहते हैं उनमें सक्रिय व्यक्तियों की तुलना में मृत्यु का जोखिम 20-30% अधिक होता है। इसलिए पैदल चलना एक सुलभ, सस्ता और प्रभावी व्यायाम माना जाता है। प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर मैकीज बानाच के अनुसार भले ही 10,000 कदम चलना आदर्श माना जाता हो, लेकिन रोजाना सिर्फ 4,000 कदम भी स्वास्थ्य लाभ के लिए पर्याप्त हो सकते हैं। ये भी पढ़ें:India:'दुनिया की शीर्ष सैन्य शक्ति बनेगा भारत', राजनाथ बोले- 2029 तक तीन लाख करोड़ के रक्षा उत्पादन का लक्ष्य जितने ज्यादा कदम, उतने बड़े लाभ एक अन्य शोध में पाया कि 1,000 कदम चलने से मृत्यु का जोखिम 15% तक घटता है। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में 6,000 से 10,000 कदम प्रतिदिन चलने पर मृत्यु जोखिम में 42% की गिरावट देखी गई। संबंधित वीडियो

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 18, 2025, 05:40 IST
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