UK News: आतिशबाजी की चमक में धुंधली हो गई फिजा, पिछले साल की तुलना में अधिक खराब हुई हवा; जानें नैनीताल का AQI
हल्द्वानी की दीपावली रात भले ही रोशनी से जगमगाई हो लेकिन उसी चमक ने शहर की फिजा को धुंधला कर दिया। आतिशबाजी के धुएं और बारूद की गंध ने हवा में ऐसा जहर घोला कि हल्द्वानी का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 194 तक पहुंच गया। एक दिन पहले यही 120 था। भाबर के साथ पहाड़ की हवा भी प्रभावित हुई है। नैनीताल में तय मानक 100 को पार कर एक्यूआई 111 पहुंच गया। 100 से ऊपर का एक्यूआई मॉडरेट माना जाता है और यह अस्थमा, बीपी, सांस के रोगियों के लिए खतरनाक है। पिछले आठ दिनों में एक्यूआई के बढ़ने का क्रम तिथि हल्द्वानी नैनीताल 13 अक्टूबर - 99 57 14 अक्टूबर - 99 59 15 अक्टूबर - 97 59 16 अक्टूबर - 98 57 17 अक्टूबर - 101 61 18 अक्टूबर - 111 80 19 अक्टूबर - 120 92 20 अक्टूबर - 194 111 पिछले वर्ष की तुलना में हल्द्वानी बढ़ा एक्यूआई साल 2023 में दीपावली 12 नवंबर को थी। तब शहर में एक्यूआई स्तर 223 पहुंच गया था। पिछले वर्ष 2024 में 31 अक्तूबर को दिवाली के दिन एक्यूआई 192 रहा। बीते वर्ष की तुलना में इस बार एक्यूआई में दो प्वाइंट की वृद्धि हुई है। 2023 में नैनीताल में दिवाली के दिन एक्यूआई 143 जबकि 2024 में 119 रहा। नैनीताल में पिछले साल के मुकाबले एक्यूआई आठ अंक कम हुआ है। एक्यूआई का मानक 0 से 50 - अच्छा 50 से 100 - संतुष्टि वाला 100 से 200 - मॉडरेट - सांस फूलना, अस्थमा, बीपी और हृदय रोगी को दिक्कत 201 से 300 - खराब - स्वस्थ मनुष्य भी इस हवा में बीमार होता है। 301 से 400 - बहुत ही खराब - स्वास्थ्य के गंभीर खतरा।पहले से बीमारी है तो खतरनाक हो सकती है। किसी भी प्रकार का धुआं फेफड़ों के लिए खतरनाक धान की पराली हो या किसी भी प्रकार का धुआं, यह फेफड़ों के लिए बेहद खतरनाक है। दीपावली के दौरान पटाखों के धुएं से बचना चाहिए। प्रो. मेडिसिन डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि ऐसे में सांस की बीमारी के मरीजों की दिक्कत शुरू हो जाती है। पहले से दमा पीड़ितों के लिए धुआं जानलेवा होता है। वृद्ध और बच्चों को भी पटाखों के अलावा अन्य प्रकार के धुएं से बचना चाहिए। पिछले साल के मुकाबले इस बार एक्यूआई और ध्वनि प्रदूषण दोनों का स्तर बढ़ा है। हल्द्वानी और नैनीताल में अगले कुछ दिनों पर प्रदूषण के स्तर को मापा जाएगा। - अनुराग नेगी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कानों में चुभा शोर पटाखों का शोर एक्यूआई ही नहीं शोर ने भी लोगों केे परेशान किया। मानकों के अनुसार जितना शोर औद्योगिक क्षेत्र में होता है, हल्द्वानी और नैनीताल में यह उसे भी पार कर गया। सोमवार शाम छह बजे से रात 12 बजे के बीच हल्द्वानी के शीशमहल काॅलोनी क्षेत्र में शोर 74.10 डेसीबल (ए), सेंट पॉल स्कूल के पास 65.20 और मंगल पड़ाव में 78.40 डेसीबल रहा। साल 2024 में मंगल पड़ाव में 76.88, सेंट पॉल के पास 62.30 और शीशमहल में 71.09 डेसीबल था। इस साल नैनीताल के आवासीय क्षेत्र में यह 65.90, बीडी पांडे अस्पताल के पास 54.10 और बस स्टैंड तल्ली ताल के पास 75.28 डेसीबल शोर रिकॉर्ड किया गया। 2024 के मुकाबले इस बार बार ध्वनि प्रदूषण में मामूली बढ़त दर्ज की गई। यह है ध्वनि प्रदूषण का मानक क्षेत्र - दिन का मानक - रात का मानक उद्योग क्षेत्र - 75 - 70 वाणिज्यिक क्षेत्र - 65 - 55 आवासीय क्षेत्र - 55 - 45 साइलेंस जोन - 50 - 40
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 22, 2025, 01:37 IST
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