ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर फिर बोला फालतू, टैरिफ को बताया अपना हथियार
अमेरिकी राजनीति में अपने बयानों से सुर्खियां बटोरने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष का जिक्र किया है। ट्रंप ने सोमवार को दावा किया कि मई में भारत-पाकिस्तान के बीच जो संघर्ष हुआ था, उसे उन्होंने “टैरिफ की ताकत” के जरिए रुकवाया था। उनका कहना है कि अगर उन्होंने टैरिफ का इस्तेमाल न किया होता, तो आज दुनिया में चार बड़े युद्ध जारी होते। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत में कहा- “टैरिफ अमेरिका के लिए बेहद अहम हैं। हम टैरिफ की वजह से न सिर्फ अरबों डॉलर कमा रहे हैं, बल्कि यही हमारी सबसे बड़ी ताकत भी है। यह टैरिफ ही हैं जो हमें युद्ध रोकने की शक्ति देते हैं। अगर मैंने टैरिफ की ताकत का इस्तेमाल न किया होता, तो आज चार युद्ध चल रहे होते।” ट्रंप ने आगे कहा, “मैं टैरिफ का इस्तेमाल युद्ध रोकने के लिए करता हूं। अगर आप भारत और पाकिस्तान को देखें तो वे एक-दूसरे पर हमला करने की तैयारी में थे। सात विमान गिराए गए थे। दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। मैंने जो कहा, वह बहुत असरदार साबित हुआ। वे रुक गए। यह सब टैरिफ और व्यापार पर आधारित था।” दरअसल, मई 2025 में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। यह अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में शुरू हुआ था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। भारत ने इस अभियान के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। चार दिन तक चली इस कार्रवाई के बाद, 10 मई को संघर्ष विराम लागू किया गया। तभी ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट कर यह दावा किया था कि उनके हस्तक्षेप की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम हुआ। हालांकि भारत ने तुरंत इन दावों को खारिज कर दिया था। भारत ने स्पष्ट कहा था कि संघर्ष विराम दोनों देशों के डीजीएमओ (Director General of Military Operations) के बीच प्रत्यक्ष बातचीत से हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में बयान देते हुए कहा था- “किसी भी देश के नेता ने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा। भारत ने अपनी शर्तों पर, अपने निर्णय से यह कदम उठाया।” भारत हमेशा से यह रुख रखता आया है कि कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े सभी मसले द्विपक्षीय हैं, और किसी तीसरे देश के मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। फिर भी, ट्रंप लगातार इस घटना को अपनी “कूटनीतिक सफलता” बताकर चुनावी मंचों पर भुनाते रहे हैं। ट्रंप ने न सिर्फ भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर दावा किया, बल्कि कहा कि उन्होंने अब तक सात अंतरराष्ट्रीय युद्धों को खत्म कराया है। उनके अनुसार- “मैंने भारत-पाकिस्तान, कंबोडिया-थाईलैंड, कोसोवो-सर्बिया, कॉन्गो-रवांडा, इस्राइल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया और आर्मेनिया-अजरबैजान के बीच संघर्षों को खत्म करवाया। इनमें से आधे युद्ध मेरे व्यापारिक कौशल और टैरिफ की ताकत से खत्म हुए।” ट्रंप ने यहां तक कहा कि अगर उनके पास “टैरिफ की ताकत” न होती, तो “रोज़ हजारों लोग मारे जा रहे होते।” ट्रंप का यह बयान अमेरिकी राजनीति में एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप ट्रेड डिप्लोमेसी को अपनी प्रमुख विदेश नीति का हथियार बनाना चाहते हैं। वे बार-बार यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके व्यापारिक निर्णयों ने न केवल अमेरिका को आर्थिक रूप से मजबूत किया, बल्कि दुनिया को भी युद्ध से बचाया। हालांकि, कई विश्लेषक इसे उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा बताते हैं। भारत ने इस नए बयान पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि “भारत अपने पड़ोसी देशों से जुड़े मामलों में बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता।” ट्रंप का यह दावा भले ही अमेरिका में चर्चा का विषय हो, लेकिन भारत के लिए यह सिर्फ एक राजनीतिक बयान है, जिसमें कूटनीति से ज्यादा प्रचार की गूंज सुनाई देती है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 07, 2025, 17:35 IST
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