UNSC: भारत का सुरक्षा परिषद में पारदर्शिता बरतने का आह्वान, आतंकी सूचीकरण प्रक्रिया पर उठाए गंभीर सवाल

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एजेंसियों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता बरतने का आह्वान किया है। इस संबंध में भारत ने संगठनों और लोगों को आतंकी संगठन या आतंकवादी घोषित करने के अनुरोध खारिज करने का हवाला भी दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कार्यप्रणाली पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में कहा, संयुक्त राष्ट्र के निकाय के बतौर परिषद की कार्यप्रणाली विश्वसनीयता, दक्षता, प्रभावकारिता व पारदर्शिता महत्वपूर्ण हैं। कार्यक्षेत्र में कई क्षेत्र हैं लेकिन सदस्य संख्या सिर्फ 15 तक सीमित है। जबकि यह निकाय कई संकटों से घिरे व चुनौतियों से जूझ रहे विश्व में महत्वपूर्ण है। उन्होंने इसके कामकाज में अधिक पारदर्शिता पर बल दिया और कहा, इसका एक उदाहरण वह अस्पष्ट ढंग है जिसके आधार पर संगठन/लोग सूचीबद्ध होने से बच जाते हैं। हितों के टकराव की जगह परिषद में नहीं होनी चाहिए संगठनों व लोगों को सूचीबद्ध करने के बजाय उन्हें सूची से हटाने के फैसलों के विपरीत सुरक्षा परिषद में खारिज हुए अनुरोधों पर फैसले अस्पष्ट तरीके से किए जाते हैं। यहां तक कि परिषद के बाहर के सदस्य देशों को इसकी जानकारी तक नहीं होती। हरीश ने कहा, परिषद की समितियों व सहायक संगठनों के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों को विशेषाधिकार प्राप्त होता है, जिनका काम जिम्मेदारी भरा होता है। वह बोले, हितों के टकराव के लिए परिषद में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। स्थायी, अस्थायी श्रेणियों में विस्तार पर दिया जोर हरीश ने 15 देशों की सदस्यता वाले संयुक्त राष्ट्र में सुधार का आह्वान कर कहा, सुरक्षा परिषद को उद्देश्यपूर्ण बनाने, मौजूदा व भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए आठ दशक पुरानी संरचना को नया स्वरूप देने पर समग्र प्रयास की जरूरत है। उन्होंने भौगोलिक क्षेत्रों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के लिए स्थायी और अस्थायी दोनों तरह की श्रेणियों में विस्तार पर भी जोर दिया। क्रिसमस ट्री जनादेश से बच साधारण जनादेश पर लौटें यूएन में भारत के राजदूत, पी. हरीश ने सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रभावी बनाने के लिए सुधारों की पैरवी की। उन्होंने पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता पर बल दिया व संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में भारत के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने शांति स्थापना आदेशों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए टीसीसी व पीसीसी सुझावों पर जोर देकर कहा, शांति स्थापना मिशनों को क्रिसमस ट्री आदेशों से बचकर, सामान्य आदेशों पर लौटना चाहिए। हरीश ने कहा, सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र की पुरानी संरचना का 15 सदस्यों तक सीमित रहना कई संकटों से घिरे व कई चुनौतियां झेल रहे विश्व में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। एजेंसी टुकड़ों में बदलाव पर्याप्त नहीं पाकिस्तान, जो वर्तमान में 2025-2026 के कार्यकाल के लिए अस्थायी सदस्य के रूप में कार्यरत है, को जुलाई में तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। भारत ने सुधारों पर जोर देते हुए कहा, हम सुधारों में योगदान को तैयार है, लेकिन जोर दिया कि टुकड़ों में बदलाव पर्याप्त नहीं होंगे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 16, 2025, 04:43 IST
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