Uttarakhand Fire News: 83 फायर हाइड्रेंट में से 33 खराब, नैनीताल शहर में पिछले वर्षों में हुए बड़े अग्निकांड

नैनीताल के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैंलेकिन नगर को अग्निकांड से बचाने के लिए कोई नई व्यवस्था नहीं है। बीते महिनों जिला प्रशासन की टीम के निरीक्षण के बाद भी शहर में लगाए गए 83 फायर हाइड्रेंट में से 33 खराब हैं। वहीं सही हाइड्रेंट में भी 24 घंटे पानी नहीं रहता। अग्निकांड के समय दमकल को समय पर पानी नहीं मिल पाता। जिससे आग पर काबू पाने में समय लगता है। बता दें कि नैनीताल शहर में ज्यादातर जाड़े के मौसम में आग लगने की घटनाएं होती हैं। जिसमें वर्षों से अब तक कई भवन जलकर खाक हो चुके हैं। हांलाकि अग्निकांड से सुरक्षा के लिए ब्रिटिश काल में ही शहर में फायर हाइड्रेंट लगाए गए थे, जिससे शहर के अंदर अग्निकांड के दौरान आग पर आसानी से काबू पाया जा सकता था। लेकिन शहर की आबादी बढ़ने और प्रतिवर्ष निर्माण कार्यों के चलते कई हाइड्रेंट जमीन के अंदर दफन हो चुके हैं। वहीं कई हाइड्रेंट खराब भी हो चुके हैं। बीते कई वर्षों से अग्निशमन विभाग की ओर से जिला प्रशासन से खराब हाइड्रेंट सही करने की मांग की जा रही है। वहीं जिला प्रशासन की ओर से बीते महिनों फायर हाइड्रेंट जांचे गए। लेकिन समस्या का स्थाई हल नहीं हो पा रहा है। जबकि जाड़ों के मौसम में प्रतिवर्ष यहां आग लगने की घटनाएं होती हैं। इसमें लोगों को लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ता है। यही नहीं अव्यवस्थाओं के चलते कई बार लोगों की जान पर बन आती है। वहीं कई बार इनमें पानी नहीं आने के चलते अग्निशमन विभाग को आग बुझाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिससे भविष्य में बड़े हादसे हो सकते हैं। एसडीएम नवाजिश खलिक का कहना है कि अग्निशमन विभाग व जल संस्थान की टीम के साथ शहर के सभी हाइड्रेंट का निरीक्षण का किया जाएगा। विभाग की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। पिछले कुछ वर्षो में नैनीताल शहर के बड़े अग्निकांड 6 फरवरी 2016 को जिला पंचायत मार्ग में होटल में आग, पांच लाख का नुकसान हुआ। 25 सितंबर 2017 को ज्योलीकोट वीरभट्टी में आग, 16 लाख का नुकसान हुआ। हादसे में दो लोग झुलसे। 3 फरवरी 2018 को तल्लीताल टेंट हाउस में आग, 14.25 लाख का नुकसान हुआ। 3 मार्च 2018 को शेरवानी कंपाउंड में आग लगने से एक की मौत, दो झुलसे। 15 लाख का नुकसान हुआ। 6 अप्रैल 2018 को मल्लीताल मेडिकल स्टोर में भीषण आग लगी, 7 लाख रूपये का नुकसान हुआ। 4 मार्च 2019 को शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में आग, 25 लाख रूपये का नुकसान हुआ। 24 मार्च 2019 को बीएसएनएल मुख्यालय में भीषण आग 28 नवंबर 2019 को मल्लीताल स्थित मजेठिया हाउस में आग, 1.50 करोड़ का नुकसान हुआ। 30 नवम्बर 2020 में मल्लीताल बाजार में घर में एक मौत 11 दिसम्बर 2020 में मल्लीताल शेरवानी कम्पाउंड घर में आग 25 दिसम्बर 2020 को तल्लीताल थाने की समीप दुकान में आग 7 फरवरी 2021 में पाइंस घाट के समीप मकान में आग 21 मार्च 2021 को कैंट आउटहाउस में 32 लाख का नुकसान 2021- राजकीय प्राथमिक विद्यालय तल्लीताल- 9.75 लाख का नुकसान 2022- मल्लीताल गेस्ट हाउस- 2.95 लाख का नुकसान। 27-01-2023- स्टोनले, विक्रम विंटेज हॉल, 9 लाख का नुकसान 12-2-2023 खड़ी बाजार मल्लीताल में- 9 लाख का नुकसान 4- 12- 2023 कमलासन कम्पाउंड, तल्लीताल- 30 लाख का नुकसान 5 अप्रैल 2025 धोबीघाट में लगी आग अग्निकांड की दृष्टि से कई क्षेत्र संवेदनलील अग्निशमन विभाग की माने तो नैनीताल में बाजार क्षेत्र में फायर हाइड्रेंट लगे हुए हैं ।जिससे अग्निकांड के समय आग बुझाने में सहायता मिलती है। वहीं फायर के बड़े फायर टेंडर भी मौके तक पहुंच जाते हैं। लेकिन नैनीताल के आयारपाटा, रैमजे रोड, स्नोव्यू और शेरवुड क्षेत्र में बड़ा फायर टेंडर नहीं जा पाते ना ही वहां लगे फायर हाइड्रेंट में पानी की सुचारू व्यवस्था है। जिसके चलते इन क्षेत्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 28, 2025, 10:56 IST
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