जींद: धान के अवशेष जलाने पर होगी कड़ी कार्रवाई: एसपी

एसपी कुलदीप सिंह ने कहा कि खेतों या खुले स्थानों पर पराली और धान के अवशेष जलाना कानून का उल्लंघन है। यह समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए गंभीर खतरा भी है। पुलिस का उद्देश्य किसानों ओर जिलावासियों को जागरूक करना है। धान के अवशेष जलाना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने पत्रकार वार्ता में बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों के तहत जो भी व्यक्ति पराली जलाते पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ भारी जुर्माना, एफआईआर दर्ज और अन्य कठोर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि धान के अवशेष जलाने से खेतों की उर्वरक क्षमता घट जाती है। वातावरण में जहरीला धुआं निकलता है। सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है। अस्थमा, एलर्जी, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारियों में तेजी से इजाफा होता है। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को हैप्पी सीडर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, मल्चर जैसी आधुनिक मशीनें उपलब्ध करवाई जाती है, ताकि किसान इन उपकरणों का उपयोग कर सके और पराली प्रबंधन को आसान बना सके। फिलहाल जिलेभर में पुलिस की विशेष टीमें लगातार सक्रिय निगरानी कर रही है। अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं। पराली जलाने की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर कार्रवाई की जा रही है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 17, 2025, 12:52 IST
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