VIDEO: घाटों पर गंदगी के बीच महिलाएं बना रही बेदी, कैसे होगी छठ पूजा

छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई है। शनिवार को पवित्रीकरण स्नान से भगवान सूर्य की आराधना का दौर शुरू होगा। जबकि नदी, नाले व तालाब के पूजित तट पर 27 अक्तूबर की शाम भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। लेकिन अभी तक पूजित स्थानों पर साफ-सफाई का काम शुरू नहीं हुआ है और न ही प्रकाश की व्यवस्था की गई। पूजा करने वाले स्थानों पर चारो तरफ गंदगी पसरी है। अव्यवस्था के बीच महिलाओं ने बेदी स्थापना शुरू कर दी है। छठ पूजा के तहत कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को तालाब या नदी के तट पर भगवान सूर्य की आराधना की जाती है। शहर के सरयू नदी पर स्थित झिंगहाघाट, छोटी बेरिया, मिहींपुरवा में सरयू नदी के तट पर, रुपईडीहा के हनुमंत सरोवर तथा नेपालगंज बांके जिले में स्थित बागेश्वरी माता मंदिर के तालाब, रानी तालाब और राप्ती नदी के तट पर सूर्य देवता की आराधना के लिए दो दिन निराजल व्रत रहकर अर्चना की जाती है। वैसे इस व्रत की तैयारियां चार दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। प्रथम दिन माताएं लौकी का पकवान, दूसरे दिन चावल का मीठा पकवान, तीसरे दिन निराजल व्रत, उसी दिन नदी, तालाबों, नहरों के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य, चौथे दिन उगते सूर्य को प्रात:काल अर्घ्य देकर पुत्र की सलामती की दुआ मांगते हुए अपना व्रत तोड़ती हैं। छठ पूजा के लिए इस बार भी घरों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं लेकिन अभी तक नदी, नाले और तालाब के पूजित तट पर साफ-सफाई नहीं की गई है। पूजा करने वाले स्थानों पर कहीं जलकुंभी और सेवार से तट पटा हुआ है तो कहीं गंदगी के चलते खड़ा होना मुश्किल हो रहा है। पूजा करने वाले स्थानों पर गंदगी पसरी है। इसी गंदगी के बीच छठ पूजा की परंपरा का निर्वहन करना सभी की मजबूरी होगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 24, 2025, 08:51 IST
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