UK News: बैठक हुई, बहस हुई...फैसला नहीं हुआ, छात्राओं की प्यास बुझाने में विफल रही अफसरों की फौज; खबर देखिये

एक तरफ पूरी ग्राम सभा, प्रधान से लेकर जिला पंचायत सदस्य तक मौजूद, दूसरी ओर जल संस्थान के अधिकारियों का बड़ा अमला। यहां गंभीरता से चर्चा हो रही है एक समस्या सुलझाने की। इतनी बड़ी खुली बैठक बुलानी पड़ गई तो समस्या बड़ी ही होगी। बैठक शुरूऔर आरोप-प्रत्यारोपों के बीच बैठक खत्म भी। नतीजा, जिम्मेदारों की इतनी बड़ी फौज होने के बावजूद समस्या का समाधान नहींऔर समस्या महज इतनी कि जीजीईआसी की छात्राओं को पीने का पानी कैसे मिले!! वाकया है मंगलवार को राजकीय इंटर कन्या कॉलेज खुरपाताल का जहां छात्राओं को पीने का पानी दिलाने के लिए बैठक हुई। लगा कि कुछ निर्णायक होगा मगर छात्राओं के हाथ लगी तो केवल प्यास। ग्राम सभा और जल संस्थान अधिकारियों के अपने-अपने तर्क हैं। शिक्षक-अभिभावक समिति, संस्थान के इतने बड़े अधिकारी, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत उपाध्यक्ष जैसे लोग बैठे हैं तो छात्राओं को लगा पानी मिल जाएगा। मगर स्कूल की यह समस्या इतनी विकराल निकली कि कुछ नहीं हुआ। जल संस्थान के अधिकारी ग्रामवासियों से बोले- कॉलेज को खुरपाताल ग्राम सभा की पेयजल लाइन से पानी दे देंगे। ग्रामवासियों ने इसका यह कहकर विरोध किया कि लाइन में पानी है ही नहीं। जल संस्थान मुख्य लाइन से ही पानी लाए। संस्थान के एई बोले, संस्थान की लाइन दूर है, इससे जोड़ने पर 50 हजार का खर्चा है, ग्राम सभा की लाइन से दो हजार में पानी मिल जाएगा। ग्रामीणों ने साफ मना कर दिया और स्कूल को पानी मिलने की बात यहीं खत्म हो गई। बैठक में ग्राम प्रधान पुष्पा नेगी, पीटीए अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवकी बिष्ट, गणेश सिंह बिष्ट, दीपक कनवाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। होटल, रिजॉर्ट के स्वीमिंग पूल लबालब खुरपाताल ग्राम सभा को पेयजल आपूर्ति करने वाली पाइप लाइनों में भरपूर मात्रा में पानी मौजूद है। खुरपाताल में कई होटल और रिजॉर्ट हैं, जिनके स्विमिंग पूल तक में पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। महर स्कूल की बदकिस्मती से बच्चों के लिए यहां पानी कहीं नहीं है। स्कूल को पानी मिलना चाहिए लेकिन लाइन में बहुत कम पानी है, गांव का ही पूरा नहीं हो पा रहा है, जल संस्थान अपनी लाइन लाए।- देवकी बिष्ट, जिला पंचायत उपाध्यक्ष संस्थान उस लाइन से पानी देने की जिद कर रहा है जिसमें पानी है ही नहीं, संस्थान की पेयजल वितरण व्यवस्था ठीक नहीं है, इस कारण पानी नहीं मिल रहा है, गांव में पानी बहुत है, संस्थान व्यवस्था तो ठीक करे।- पुष्पा नेगी, ग्राम प्रधान ग्राम सभा की असहमति के बाद अब विद्यालय को पेयजल व्यवस्था के लिए लगभग 50 हजार रुपये खर्च करने होंगे। -मोहन सिंह रावत, एई, जल संस्थान, नैनीताल

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 12, 2025, 11:29 IST
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