Trump Threat: 'चीन पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बना रहे ट्रंप?' भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी पर विशेषज्ञ के सवाल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारत बड़ी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है और उसे खुले बाजार में भारी मुनाफे में बेच रहा है, इसलिए अमेरिका भारत पर टैरिफ यानी शुल्क में भारी बढ़ोतरी करेगा। इस पर विदेश मामलों के विशेषज्ञ रॉबिंदर सचदेव ने सवाल उठाया है कि ट्रंप भारत पर तो सख्ती कर रहे हैं, लेकिन चीन के खिलाफ वैसी ही सख्ती क्यों नहीं दिखा रहे यह भी पढ़ें - Congress: ट्रंप की धमकी पर कांग्रेस का सरकार पर वार, कहा- इन लोगों ने विदेश नीति को दिखावे का जरिया बना दिया अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्या कहा था ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रूथ सोशल' पर लिखा, 'भारत न सिर्फ भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि उसे खुले बाजार में मुनाफे के लिए बेच भी रहा है। उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं। इसी वजह से, मैं भारत पर लगने वाले टैरिफ को काफी बढ़ाऊंगा।' ट्रंप की धमकी पर विशेषज्ञ की प्रतिक्रिया विदेश मामलों के जानकार रॉबिंदर सचदेव ने बताया, 'ट्रंप बार-बार भारत और उसके रूसी तेल खरीद को लेकर बयान दे रहे हैं। यह विषय अब उनके लिए अहम हो गया है।' उन्होंने कहा कि ट्रंप की यह नीति सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है- जापान, स्विट्जरलैंड, यूरोपीय संघ जैसे कई देशों को भी इसका सामना करना पड़ रहा है। लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि चीन पर ट्रंप वैसा ही दबाव क्यों नहीं बना रहे, जबकि चीन भी रूस से उतना ही तेल खरीद रहा है। चीन या भारत- रूसी तेल खरीद में कौन आगे ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआईआई) के अनुसार, 2024 में चीन ने रूस से करीब 62.6 अरब डॉलर का तेल खरीदा, जबकि भारत ने 52.7 अरब डॉलर का। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, 'चीन रूस से सबसे अधिक तेल खरीदने वाला देश है, लेकिन ट्रंप उस पर कुछ नहीं कह रहे। संभवतः इसके पीछे भू-राजनीतिक रणनीति है।' यह भी पढ़ें - Trump Vs Medvedev: कहां तैनात हैं अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी ट्रंप ने बताया; रूस पर प्रतिबंध को लेकर कही ये बात भारत का जवाब- 'तेल नीति राष्ट्रीय हित में है' भारत सरकार ने ट्रंप के बयान के जवाब में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार को साफ कहा, 'भारत की ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हित पर आधारित है। रूस से तेल खरीद आवश्यक है ताकि भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ता और स्थिर ऊर्जा मिल सके।' मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय देशों की आलोचना को अनुचित और बेबुनियाद बताया। भारत ने ये भी कहा कि वह अपने आर्थिक हितों और ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 05, 2025, 07:40 IST
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