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Urdu Poetry: हमारे ज़ख़्म वर्ज़िश कर रहे हैं...
Urdu Poetry: हमारे ज़ख़्म वर्ज़िश कर रहे हैं...
Category: urdu-adab
Urdu Poetry: बदन चुराते हुए रूह में समाया कर...
Urdu Poetry: बदन चुराते हुए रूह में समाया कर...
Category: urdu-adab
Urdu Poetry: छोड़ो मोह! यहाँ तो मन को बेकल बनना पड...
Urdu Poetry: छोड़ो मोह! यहाँ तो मन को बेकल बनना पड़ता है...
Category: urdu-adab
Urdu Poetry: दीवारें छोटी होती थीं लेकिन पर्दा होत...
Urdu Poetry: दीवारें छोटी होती थीं लेकिन पर्दा होता था...
Category: urdu-adab
जब फ़िराक़ गोरखपुरी के टोकने पर कृष्ण बिहारी नूर ...
कृष्ण बिहारी नूर ने तमाम उम्र लफ़्ज़ों को संजीदगी से तराश कर शायरी की। मुशायरों में कलाम पढ़ने का उन...
Category: mud-mud-ke-dekhta-hu