Jammu Kashmir Weather: बारिश ने 115 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, वैष्णो देवी मार्ग पर 34 हुई मृतक संख्या
जम्मू-कश्मीर में दो दिन में रिकॉर्ड बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। श्रीमाता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग में हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर बुधवार को 34 हो गई। नदियों में उफान के कारण कई प्रमुख पुलों, घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सहित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। सेना समेत सभी एजेंसियां बचाव में जुटी हैं। बाढ़ग्रस्त इलाकों से अब तक 10,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। सुरक्षा के मद्देनजर वैष्णो देवी यात्रा बुधवार को दूसरे दिन भी बंद रखी गई। जम्मू संभाग में बुधवार को नदी नालों में जल स्तर घटने से राहत रही लेकिन कश्मीर में कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति रही। श्रीनगर और अनंतनाग में झेलम उफान पर रही। कई इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला गया। चिशोती के बाद अब वारवान घाटी में बादल फटने की खबर है। चक्की पुल पठानकोट में जमीन धंसने के कारण जम्मू से आने और जाने वाली 58 ट्रेनों को रद्द किया गया और 46 ट्रेनों निर्धारित गंतव्य से पहले ही रोक दिया गया। 18 ट्रेनों को मूल के बजाय अन्य स्टेशनों से चलाया गया। कश्मीर घाटी में रात भर भारी बारिश होने से मुख्य झेलम नदी में बुधवार सुबह अनंतनाग जिले के संगम और श्रीनगर के राम मुंशी बाग में बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गई। बाढ़ जैसी स्थिति में कई जगह लोगों को पुलिस ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। झेलम नदी का पानी कुर्सु राजबाग में घुसने से लोगों में दहशत रही। आपात स्थिति को देखते हुए श्रीनगर पुलिस को हेल्पलाइन नंबर जारी करने पड़े। अनंतनाग कोर्ट में बाढ़ के दौरान नाव से जज पहुंचे, न्यायिक कामकाज जारी रहा। अनंतनाग में लिद्दर नदी में फंसे 22 लोगों को एसडीआरएफ ने बचाया। अवंतीपोरा में बाढ़ संभावित क्षेत्रों में पुलिस ने बचाव अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। जम्मू-पठानकोट हाईवे पर वाहनों की आवाजाही सुचारू नहीं हो पाई है। सहार खड्ड नदी पर एक पुल के हिस्से के धंसने के बाद दूसरे पुल से कठुआ-पंजाब के लिए छोटे वाहनों को ही छोड़ा जा रहा है। किश्तवाड़ के पाडर इलाके में बादल फटने से दस घरों को नुकसान पहुंचा है। प्रदेश भर में दूसरे दिन भी संचार सेवाएं प्रभावित रहीं। लखनपुर माधोपुर बैराज के दो गेट टूटने से फंसे गेटमैन को हेलिकॉप्टर की मदद से बाहर निकाला गया। लखनपुर में सीआरपीएफ का एक कैंप सुबह बह गया। यहां 22 जवानों और एक श्वान (डाॅग) समेत 25 लोगों को रेस्क्यू किया गया। भूस्खलन से किश्तवाड़-बटोत एनएच 244 वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है। जम्मू में दोपहर तक कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई लेकिन दोपहर बाद मौसम खुल गया। जम्मू में चौबीस घंटे में आलटाइम 380 मिमी बारिश दर्ज की गई। तवी नदी का जलस्तर नीचे आ गया है। भगवती नगर तवी पुल का एक हिस्सा धंसने से वाहनों की आवाजाही के लिए पुल को बंद रखा गया है। राजोरी में दोपहर तक कुछ हिस्सों में बारिश हुई। सांबा में भी सुबह बारिश के बाद मौसम साफ रहा। आज और कल फिर बारिश के आसार मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार 28 से 29 अगस्त के बीच जम्मू संभाग और दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। 30 अगस्त से एक सितंबर के बीच जम्मू संभाग में भारी बारिश के आसार हैं। दो से पांच सितंबर को फिर मौसम में उतार-चढ़ाव रहेगा। चिशोती के बाद अब वारवान घाटी में बादल फटे, 10 घर तबाह किश्तवाड़ में प्रकृति का कहर थम नहीं रहा है। मंगलवार को 12 दिन में दूसरी आपदा ने कहर बरपाया। वारवान घाटी के मार्गी इलाके में दो जगह बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। इससे करीब 10 घर और 300 कनाल से अधिक फसलें तबाह हो गईं। पानी के तेज बहाव में मवेशी और एक पुल भी बह गया। जानकारी के अनुसार पानी लोगों के घरों में घुस गया। इससे करीब 60 घरों को नुकसान भी पहुंचा है। प्रभावित परिवारों को पास के पहाड़ी इलाकों में तंबू के नीचे शरण ली है। मौसम की मार से वारवान और मरवा की दोहरी घाटियों में फोन कनेक्टिविटी लगभग न के बराबर है। वारवान की यह दूरस्थ घाटी में करीब 50 गांव हैं। इनमें लगभग 40,000 लोग रहते हैं। बादल फटने के बाद यह पूरा इलाका किश्तवाड़ जिला मुख्यालय से कट गया है। पहाड़ी इलाकों में तंबू के नीचे रह रहे लोगों ने जिले के अधिकारियों से राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने का आग्रह किया है। बटोट नेशनल हाईवे पर आवाजाही रोकी बारिश के चलते जिला प्रशासन ने किश्तवाड़ में बटोट नेशनल हाईवे पर आवाजाही को रोक दिया है। वहीं, आपदा के बाद से किश्तवाड़ में अभी बिजली बंद है, जिससे पानी की सप्लाई भी प्रभावित है। बिजली का 132 केवी का टॉवर गिर गया है। जिले में रुक-रुककर बारिश जारी है। वहीं, डीसी पंकज कुमार शर्मा ने बिगड़ते मौसम के दोखते हुए संबंधित सभी विभागों को अलर्ट पर रहने और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने और इलाके में नुकसान का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं। चिनाब खतरे के पार रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अलयास खान ने कहा कि लगातार बारिश के कारण चिनाब नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। हमने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया हैसभी टीमें अलर्ट पर हैंसड़कों को साफ करने के प्रयास जारी हैंहम जल्द से जल्द राजमार्गों को बहाल कर देंगेहमने 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। चिशोती में 67 लोगों की गई थी जान इससे पहले किश्तवाड़ के चिशोती में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। इस हादसे में करीब 67 लोगों की जान चली गई थी। कई घर तबाह हो गए थे। लोगों को घरों में मलबा जमा हो गया था। बिजली के खंभे और पानी की सप्लाई की पाइपें तक तेज बहाव में बह गई थीं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 28, 2025, 01:46 IST
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