अमर उजाला बतरस: बदलती पढ़ाई, बदलते बच्चे, क्या आज के स्कूल और आपकी सोच इसके लिए है तैयार? देखें पॉडकास्ट
इस हफ्ते अमर उजाला बतरस फिर हाजिर है एक ऐसे मुद्दे के साथ, जो हर घर, हर माता-पिता और हर शिक्षक के लिए बेहद अहम है। इस बार चर्चा का विषय है-पढ़ाने के नए तरीके के क्या फायदे, क्या नुकसान आज के दौर में शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रही। अब सवाल यह है कि क्या बच्चों को सिर्फ रटाकर लीडर बनाया जा सकता है या फिर उन्हें समझने, सोचने और सवाल पूछने की आजादी देकर बेहतर इंसान बनाया जा सकता है एंकर नंदिता कुदेशिया ने इस हफ्ते बतरस में दो विशेषज्ञों से बात की- श्वेता त्यागी, प्रधानाचार्य, न्यू नोएडा स्कूल और डॉ. दीपाली, मनोचिकित्सक। दोनों विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे शिक्षा का तरीका बदल रहा है और इसका बच्चों पर क्या असर पड़ रहा है। बदलते दौर की बदलती पढ़ाई आज के बच्चे सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहना चाहते। वे जानना चाहते हैं कि जो पढ़ रहे हैं, उसका असल जिंदगी में क्या मतलब है यही वजह है कि अब रटने वाली पढ़ाई की जगह समझने और प्रयोग करने वाली पढ़ाई को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभिभावकों की भूमिका और स्कूलों की जिम्मेदारी आज के समय में कई अभिभावक सिर्फ स्टेटस के लिए स्कूल चुनते हैं। लेकिन क्या यह सही है क्या हर बच्चा बोर्ड परीक्षा की दौड़ में शामिल होना चाहिए क्या हर बच्चा मेरिट की होड़ में फिट बैठता है बतरस में विशेषज्ञों ने न सिर्फ इन सवालों के जवाब दिए बल्कि इस विषय पर अभिभावकों को जरूरी सुझाव भी दिए। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के बाद कई परंपरागत स्कूलों ने भी बदलाव अपनाए हैं। अब पढ़ाई को ज्यादा व्यावहारिक और रुचिकर बनाने की कोशिश हो रही है। लेकिन यह बदलाव तभी सफल होगा जब स्कूल, अभिभावक और समाज मिलकर बच्चों के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाएंगे। इस पूरे पॉडकास्ट को आप शनिवार रात 8 बजे अमर उजाला के सभी सोशल मीडिया हैंडल्स पर सुन सकते हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 08, 2025, 17:25 IST
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