Kangra News: रिटायरमेंट के बाद संरक्षित खेती कर सकेंगे सेना के जवान

पालमपुर (कांगड़ा)। सेना के जवान रिटायरमेंट के बाद अब संरक्षित खेती (पॉलीहाउस खेती) अपना सकेंगे। इसके लिए चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और भारतीय सेना के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया जाएगा। इस समझौते के तहत रिटायरमेंट से पहले ही जवानों को उन्नत कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेना मुख्यालय दिल्ली से जिन सैनिकों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा, वे इस चार माह के कोर्स में संरक्षित खेती और मूल्य संवर्धन तकनीकों की जानकारी हासिल करेंगे। इमसें थल, वायु और जल सेना के जवान हिस्सा ले सकते हैं। शुरुआत में इसमें जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) स्तर के सैनिक भाग ले रहे हैं, लेकिन भविष्य में अधिकारी और अन्य सिपाही भी इसमें शामिल हो सकेंगे। कृषि विवि के कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने कहा कि यह प्रशिक्षण रिटायरमेंट के बाद सैनिकों को संरक्षित खेती और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमिता के नए अवसर देगा। उन्होंने कहा कि सेना के अनुशासन और समय प्रबंधन की आदतें उन्हें कृषि व्यवसाय में भी सफलता दिलाएंगी।इसी कड़ी में मंगलवार को कृषि विवि के प्रसार शिक्षा निदेशालय (डीईई) ने मंगलवार को 16-सप्ताह का प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू किया है, जिसमें वायु सेना के अधिकारियों ने भाग लिया। यह कोर्स 11 जुलाई तक चलेगा और इसका उद्देश्य सैन्य कर्मियों को उन्नत कृषि तकनीकों और बाजार संपर्कों की जानकारी देना है। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण में ग्रीनहाउस तकनीक, प्रसंस्करण और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल शेयस प्रकाश ने विश्वास जताया कि सैनिकों को यह प्रशिक्षण शानदार अनुभव देगा। इस मौके पर कृषि महाविद्यालय डीन डॉ. एमसी राणा, डॉ. एडी बिंद्रा, डॉ. सुमन कुमार, डॉ. आरके असरानी, डॉ. जीडी शर्मा, डॉ. चंद्रकांता ठाकुर, डॉ. शारदा सिंह सहित विभिन्न विभागों के अध्यक्ष और संकाय सदस्य उपस्थित रहे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 25, 2025, 18:32 IST
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