Mandi News: दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में संसाधन साझा करने में आ रही बाधा

नई व्यवस्था के तहत अब एक क्लस्टर स्कूल के अधीन लाए गए हैं 10 से 12 स्कूलआपस में एक-दूसरे के संसाधनों का इन स्कूलों की ओर से किया जाना है इस्तेमालमंडी जिले में स्कूल निदेशालय के तहत किया गया है 322 क्लस्टरों का निर्माणसंवाद न्यूज एजेंसीमंडी। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा निदेशालय की नई व्यवस्था के तहत अब स्कूल और उच्च शिक्षा के निदेशालयों को अलग-अलग कर दिया है। बाल वाटिका से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई स्कूल शिक्षा निदेशालय के अधीन होगी। जबकि उच्च शिक्षा के विषय अलग निदेशालय की ओर से देखे जाएंगे। इस नई व्यवस्था के तहत जिले के सभी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को क्लस्टर हेड स्कूल बनाकर आसपास के हाई, मिडिल और प्राइमरी स्कूलों को इनके अधीन लाया गया है ताकि सभी स्कूल आपस में एक क्लस्टर की तरह काम कर एक-दूसरे के संसाधनों का भी इस्तेमाल कर सकें, लेकिन जिले के दुर्गम क्षेत्रों में ऐसे क्लस्टरों को एक-दूसरे के संसाधनों के इस्तेमाल में कठिनाइयां पेश आ रही हैं। क्योंकि भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यह स्कूल एक-दूसरे से काफी अधिक दूरी पर हैं।कुछ स्कूलों के लिए तो एक से दो घंटों की दूरी है। ऐसे में इन स्कूलों में किसी शिक्षक को भेजना या फिर समारोह के लिए स्कूली बच्चों को मुख्य स्कूल तक लाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। मंडी जिले में मौजूदा समय में 322 स्कूलों को क्लस्टर स्कूल बनाया गया है। प्रत्येक स्कूल के अधीन 10 से 12 स्कूल शामिल किए गए हैं और क्लस्टर स्कूल के प्रिंसिपल को क्लस्टर हेड बनाया गया है। इस नई व्यवस्था के काफी सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं और भविष्य में इसके अधिक लाभ लोगों को देखने को मिलेंगे।उधर, उच्च शिक्षा उपनिदेशक मंडी यशवीर धीमान ने बताया कि इन चुनौतियों से पार पाने के लिए विभाग जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। इस संदर्भ में बैठकें की जा रही हैं। ताकि इसका समाधान निकाला जा सके।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 04, 2025, 17:36 IST
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