Banda News: दिल खोलकर मनी दीवाली, घर-घर गणेश-लक्ष्मी का पूजन

बांदा। दीपावली का त्योहार सोमवार को श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। रंग बिरंगी रोशनी से अमावस्या की रात जगमगा उठी। शुभ मुहूर्त में रात सात से आठ के बीच घरों और मंदिरों में भगवान गणेश व मां लक्ष्मी और कुबेर का पूजन हुआ। फल फूल लाई, बतासा आदि चढ़ाया गया। आतिशबाजी से पूरा आसमान इंद्रधनुषी रंग से नहा गया। देर रात तक आतिशबाजी व धूम धड़ाका होता रहा।दीपावली पर सोमवार को सुबह से ही लोगों को खासा उत्साह देखा गया। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लोगों ने अपने घरों के बाहर मनमोहक रंगोली बनाई और बिजली की झालर व रंग-बिरंगे बल्ब आदि लगाए। उधर, सार्वजनिक चौराहों, सरकारी कार्यालयों व मंदिरों में भी रोशनी के प्रबंध किए गए। शाम होते ही पूरा शहर बिजली की रंग-बिरंगी रोशनी से नहा गया गया। शुभ मुहूर्त में लोगों ने भगवान गणेश व मां लक्ष्मी और कुबेर का विधि विधान से पूजन किया। फल, फूल, मिष्ठान आदि चढ़ाया। पूरे घर को मिट्टी के दीपक और मोमबत्ती से रोशन कर दिया। इसके बाद आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ। बच्चों ने जमकर आतिशबाजी की।मंदिरों में भी गणेश-लक्ष्मी का पूजन हुआ और घंटे बजे। महेश्वरी देवी में गणेश-लक्ष्मी पूजन के बाद महाआरती हुई। जिसमें तमाम लोग घरों से थालियों में दीपक लेकर पहुंचे और आरती के बाद मंदिर में रखे। इसी प्रकार बांबेश्वर मंदिर, संकट मोचन, लक्ष्मी नारायण मंदिर छोटी बाजार में गणेश-लक्ष्मी का पूजन कर प्रसाद वितरण किया।------100 रुपये का बिका एक कमलदीपावली पर बाजार गुलजार रहा। सोमवार को लोगों ने पूजन सामग्री व फल-फूल की खरीदारी की। मां लक्ष्मी को अति प्रिय फूल कमल की मांग अधिक रही। एक कमल का फूल 100 रुपये का बिका। फूल विक्रेता रजोली का कहना था कि अन्य फूल तो कानपुर से आ जाते हैं, लेकिन कमल का फूल यहीं के तालाबों से मंगाया जाता है। जिससे वह महंगा रहता है।-------मूर्ति में ली मनमानी न्योछावरगणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा की न्योछावर भी मनमानी ली गई। 25 रुपये के स्थान पर किसी ने 151 तो किसी ने 201 रुपये न्योछावर ली। दुकानदार प्रेम का कहना था कि गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाएं मिट्टी व प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनाई जाती है। इन्हें कानपुर व दिल्ली से मंगाते हैं। रास्ते में उतारने चढ़ाने में काफी प्रतिमाएं टूट जाती है। इससे नुकसान अधिक होता है।-------देर रात तक धूम धड़ाकों की रही गूंजबांदा। दीपावली हो और आतिशबाजी न हो ऐसा हो नहीं सकता। बच्चों ने जमकर आतिशबाजी की। देर रात तक धूम धड़ाका मचा रहा। कही बच्चों ने फुल झड़ियां तो कही चकरी और महताब आदि छुड़ाए तो कही 10-10 मीटर लंबी चटाई लगाई गई। आसमान में एक साथ कई प्रकार की आवाज व रोशनी करने वाले राकेट से आसमान इंद्रधनुषी रंग में नहा गया। पटाखा दुकानों में देर रात तक खरीददारी होती रही। बताते एक दिन में 70 से 80 लाख के पटाखे बिक गए। लेकिन तेज आवाज करने वाले पटाखे दुकानों में न होने से युवा निराश रहे।--------घरघूले बनाकर की पूजाबबेरू। दीपावली का त्योहार उत्साह से मनाया गया। शाम होते ही पूरा कस्बा बिजली की रोशनी से जगमगा उठा। गणेश-लक्ष्मी के पूजन के बाद जमकर आतिशबाजी हुई। जहां फुलझड़िया व महताब छुड़ाए गए वहीं बम के धमाकों से शहर का कोना-कोना गूंज उठा। बच्चों ने हर्षोल्लास के साथ आतिशबाजी का लुत्फ उठाया, महताब, फुलझड़ी, अनार, चकरी आदि छुड़ाकर उछलते कूदते रहे। गांवों के घरों में छोटे घरघूले (घरौंदे) बनाकर उनमें पूजा हुई। ग्रामीणों ने देवालयों में दीपदान के साथ घरों और खेत, खलिहान में दीप जलाए। फोटो 16 - दीपावली पर पैराशूट पटाखा छुटाते युवा। संवाद फोटो 16 - दीपावली पर पैराशूट पटाखा छुटाते युवा। संवाद फोटो 16 - दीपावली पर पैराशूट पटाखा छुटाते युवा। संवाद फोटो 16 - दीपावली पर पैराशूट पटाखा छुटाते युवा। संवाद

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 20, 2025, 21:00 IST
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