चंडीगढ़ में सिफ्ट सिटी: गुजरात की तर्ज पर इंडस्ट्रियल एरिया फेज-3 में बनेगी, लेबर लॉज-टैक्स से मिलेगी छूट

गुजरात के गिफ्ट सिटी की तर्ज पर चंडीगढ़ में सिफ्ट सिटी बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। यूटी प्रशासन ने केंद्र सरकार को इस संबंध में एक आधिकारिक नोट भेज दिया है। इस हाईटेक फिनटेक हब के लिए प्रशासन ने कंसल्टेंट नियुक्त कर लिया गया है और 30 नवंबर तक डीपीआर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि आने वाले बजट में इसकी घोषणा हो सके। गुजरात के गांधीनगर में बने गिफ्ट सिटी की तर्ज पर चंडीगढ़ इंटरनेशनल फाइनेंस-टेक (सिफ्ट) सिटी विकसित की जाएगी। इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने भारत सरकार को औपचारिक रूप से एक नोट भेजा है। प्रशासन का मानना है कि यह कदम शहर को नई दिशा देगा और इसे राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख फाइनेंशियल व टेक्नोलॉजी हब के रूप में पहचान दिलाएगा। कुछ महीने पहले हुई नीति आयोग की बैठक में भी चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से इस प्रोजेक्ट पर विस्तार से चर्चा की गई थी। प्रशासन ने भारत सरकार को भेजे नोट में कहा है कि इंडस्ट्रियल एरिया फेज-2 और फेज-3 में काफी जमीन उपलब्ध है, विशेषकर फेज-3 में बड़ी मात्रा में खाली जमीन पड़ी है। इस भूमि का उपयोग कर चंडीगढ़ को एक नई पहचान दिलाई जा सकती है। प्रशासन का मानना है कि चंडीगढ़ की भौगोलिक स्थिति, उसका महत्व और इको सिटी की पहचान इस तरह के प्रोजेक्ट के लिए मॉडल शहर है। नवंबर से पहले पूरी होगी डीपीआर इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उद्योग सचिव निशांत कुमार यादव ने कहा है कि नवंबर तक इस प्रोजेक्ट की डीपीआर पूरी करने का लक्ष्य है, ताकि आगामी बजट में भारत सरकार की तरफ से इस प्रोजेक्ट की घोषणा हो सके। इसके लिए प्रशासन ने एक कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि रिपोर्ट में किसी भी तरह की कमी न रहे और योजना व्यावहारिक व निवेशकों को आकर्षित करने वाला बने। आईटी और फाइनेंशियल कंपनियों को किया जाएगा आमंत्रित अधिकारियों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद देश-विदेश की आईटी और फाइनेंशियल कंपनियां चंडीगढ़ में निवेश करेंगी। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। चंडीगढ़ को एक ग्लोबल स्टैंडर्ड का टेक्नोलॉजी व फाइनेंशियल हब बनाया जा सकेगा। साथ ही, प्रशासन की कोशिश है कि फेज-2 और फेज-3 की खाली जमीनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। विकास नगर के पास मौजूद फेज-3 अभी लगभग पूरा खाली पड़ा है। गुजरात मॉडल का लिया जाएगा सहाराः गुलाबचंद कटारिया इस प्रोजेक्ट पर पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि चंडीगढ़ को आगे ले जाने के लिए गुजरात मॉडल का सहारा लिया जाएगा। बीते कुछ वर्षों में चंडीगढ़ इस क्षेत्र में पीछे रह गया है, इसलिए अब इस दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत है। सिफ्ट सिटी में बिजनेस करने को मिलेंगी कई रियायतें -कई रेगुलेटरी छूट -बिल्डिंग अप्रूवल में आसानी - एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) में लचीलापन -लेबर लॉज में राहत -कंपनियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम -इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट और टैक्स इंसेंटिव एक नजर में चंडीगढ़ का इंडस्ट्रियल एरिया - फेज-1 में जमीन 776.14 एकड़ - फेज-2 में जमीन 486 एकड़ - फेज-1 और 2 में कुल 1966 प्लॉट - 5 मरला से लेकर 1 कनाल तक के क्षेत्र में छोटे प्लॉट सबसे ज्यादा फेज-1 में - फेज-2 में सभी छोटे इंडस्ट्रियल प्लॉट - फेज-3 में 153 एकड़ की जमीन

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 23, 2025, 10:06 IST
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