Siddharthnagar News: रडार पर मस्जिद और मदरसे, छांगुर के कनेक्शन खंगाल रहीं एजेंसियां
- पड़ोसी इलाके बढ़नी बॉर्डर और आसपास क्षेत्र में बने मदरसे और मस्जिद के संचालन की भी जांच- विदेशी धन का सबसे अधिक दुरुपयोग होने की आशंका, विदेशी फंडिंग के मामले में कई एजेंसियां खंगाल रहीं कनेक्शनसंवाद न्यूज एजेंसीसिद्धार्थनगर। धर्मांतरण, लव जिहाद और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की गिरफ्तारी और विदेशी फंडिंग का मामला उजागर होने के बाद सीमावर्ती इलाके में हलचल तेज हो गई है। फंडिंग के जरिये मदरसे और मस्जिदों में अवैध गतिविधियां संचालित किए जाने के इनपुट के बाद कई बड़े चेहरे रडार पर आ गए हैं। किन-किन धार्मिक संस्थाओं से जुड़े लोग छांगुर बाबा और उसके लोगों के संपर्क में थे, उनकी गतिविधि कैसी हैं, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसके साथ ही इलाके के नव धनाढ्यों की भी कुंडली खंगाली जा रही है।अभी तक सुरक्षा एजेंसियां विदेशी फंडिंग से मदरसे और धार्मिक स्थल संचालित करने की आशंका जाहिर कर रहे थे। लेकिन, छांगुर के पकड़े जाने और उससे मिल रहे इनपुट से एजेंसियों के दावे पुख्ता हो गए हैं। बलरामपुर से सटे इलाके, बढ़नी बाॅर्डर एरिया में कई एजेंसियां जांच में जुटीं हैं। सूत्रों के मुताबिक उतरौला बलरामपुर इलाके से सटे सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज, इटवा, बिस्कोहर, कठेला, बढ़नी बाॅर्डर एरिया के कई लोग रडार पर आ गए हैं। इनमें हाल के कुछ साल में अकूत संपत्ति बनाने वाले, बिना आय के किसी ठोस स्रोत के लग्जरी गाड़ी और अन्य सुविधाओं से लैस होने वाले शामिल हैं। शिक्षा और अन्य माध्यमों से जुड़कर कार्य करने वाले संदिग्धों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। आशंका है कि उतरौला के करीब होने के कारण इस क्षेत्र के लोग अधिक जुड़े होंगे और पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण यहां के लोगों को बरगलाकर धर्मांतरण भी कराते होंगे। छांगुर भी इसी तरह काम करता रहा था। गरीब तबके के लोग उसके टारगेट पर थे। डुमरियागंज क्षेत्र की पीड़िता की शिकायत इसकी पुष्टि कर चुकी है। ---नेपाल बाॅर्डर पर विशेष नजरसूत्रों के मुताबिक नेपाल में छांगुर बाबा के ठिकाने के इनपुट मिले हैं। बढ़नी में भी उसका आना-जाना होता था। इधर से नेपाल भी जाता था, ऐसी जानकारी मिली है। उसके साथ कौन लोग आते- जाते थे, बैठक में कौन लोग शामिल होते थे। इसके बारे में भी टीम जानकारी जुटा रही है। बाॅर्डर पर कई एजेंसियां काम कर रहीं हैं।---मदरसा संचालन से बना ली करोड़ों की संपत्ति भनवापुर। ब्लाॅक क्षेत्र में पड़ने वाले त्रिलोकपुर, इटवा व डुमरियागंज थाना क्षेत्र में संचालित करीब आधा दर्जन से अधिक मदरसे जांच के दायरे में हैं। उतरौला कोतवाली व गौरा थाने की सीमा से सटे भनवापुर ब्लाॅक क्षेत्र में नए धनाढ्यों की लिस्ट लंबी है। जो काफी कम दिनों में मदरसा संचालन कर करोड़ों की संपत्ति बना चुके हैं। उतरौला कोतवाली से करीब 15 किमी. दूर स्थित त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में तीन मदरसों का संचालन किया जा रहा है। करीब एक दशक पहले खुले इन मदरसों के संचालक करोड़पति हो चुके हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक छांगुर बाबा का कनेक्शन इन मदरसों से था, उसके कारिंदे छह माह में एक बार इन मदरसों के संचालकों, अभिभावकों के साथ बच्चों की बैठक पूरी रात करते थे। इसी तरह इटवा क्षेत्र में एक इंटर काॅलेज है, जहां करीब तीन साल पहले थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी एक युवक व गोल्हौरा थाना क्षेत्र के दो युवकों का धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया था।---विदेशी फंडिंग में मिलता है हिस्साकरीब तीन साल पहले धर्मांतरण के जाल में फंसे युवक ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया कि इटवा क्षेत्र में संचालित एक इंटर काॅलेज में भी धर्मांतरण का खेल चलता है। काॅलेज में एक मौलाना के द्वारा युवाओं को धन का लालच देकर एक नोटरी पर फोटो लगाकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है। इसमें मौलाना कहते हैं इस शपथ पत्र से आपके धर्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। शपथपत्र वाट्सएप के जरिये मुस्लिम बहुल देशों में भेजकर वहां से फंड मंगाया जाता है। जो पैसा आता है उसमें आधा धर्म परिवर्तन करने वाले को दिया जाता है और आधा मौलाना ले लेता है। तीन साल पहले यह बात तब खुली, जब धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को फंडिंग से मिली रकम में हिस्सा नहीं मिला।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jul 11, 2025, 23:37 IST
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