Noida News: सेप्सिस की पहचान, निदान व उपचार के आधुनिक तरीकों पर हुई चर्चा
ग्रेटर नोएडा। जिम्स में शुक्रवार को 'सेप्सिस के प्रयोगशाला निदान में हालिया प्रगति' विषय पर एक बैठक आयोजित की गई। यह बैठक माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पीजी जूनियर डॉक्टरों द्वारा की गई जिसमें सेप्सिस की पहचान, निदान और उपचार के आधुनिक तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेषज्ञ डॉ. दर्पण मधुपिया ने बताया कि पारंपरिक माइक्रोबियल कल्चर तकनीक अभी भी सेप्सिस निदान का मानक मानी जाती है लेकिन इसकी प्रक्रिया लंबी होने के कारण समय पर उपचार कठिन हो जाता है। वहीं, पीसीआर, मल्टीप्लेक्स आणविक पैनल, माइक्रोएरे तकनीक, और एमएएलडीआई-टीओएफ मास स्पेक्ट्रोमेट्री जैसी नई तकनीक तेज और सटीक निदान में मददगार साबित हो रही हैं। इसके अलावा, प्रोकैल्सीटोनिन (पीसीटी), सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) और इंटरल्यूकिन-6 (आईएल-6) जैसे बायोमार्कर अब सेप्सिस की प्रारंभिक पहचान और रोग की प्रगति की निगरानी के लिए प्रभावी रूप से उपयोग किए जा रहे हैं। हालांकि, इन अत्याधुनिक तकनीकों की उच्च लागत और सीमित उपलब्धता अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि सेप्सिस संक्रमण के प्रति शरीर की अनियमित प्रतिक्रिया के कारण होने वाली एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है जिससे हर वर्ष दुनिया भर में लगभग 4.9 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं और करीब 1.1 करोड़ लोगों की मृत्यु होती है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे तथा निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में इसका खतरा सबसे अधिक है। ब्यूरो
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 07, 2025, 17:44 IST
Noida News: सेप्सिस की पहचान, निदान व उपचार के आधुनिक तरीकों पर हुई चर्चा #DiscussionOnModernMethodsOfIdentification #DiagnosisAndTreatmentOfSepsis #SubahSamachar
