UP: सूर सरोवर का ईको सेंसिटिव जोन शून्य कैसे कर दिया...एनजीटी ने प्रदेश सरकार से पूछा, डीएम को किया तलब

सूर सरोवर पक्षी विहार का ईको सेंसिटिव जोन शून्य करने के मामले में शुक्रवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की बेंच ने प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया। एनजीटी बेंच ने प्रदेश सरकार से पूछा कि ईको सेंसिटिव जोन शून्य करने की अधिसूचना जारी करने का जब अधिकार ही नहीं था तो यह कैसे जारी की गई। प्रदेश सरकार सिर्फ सिफारिश कर सकती है। इस मामले में अगली सुनवाई पर 23 मई को प्रदेश के चीफ कंजरवेटर और आगरा के डीएम को एनजीटी ने तलब किया है और शपथपत्र देने के लिए कहा है। आगरा के पर्यावरणविद एवं चिकित्सक डॉ. शरद गुप्ता ने सूरसरोवर पक्षी विहार के 403 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार 799 हेक्टेयर करने की याचिका दायर की थी। इस मामले में प्रदेश सरकार ने 27 दिसंबर को 380.55 हेक्टेयर वनक्षेत्र शामिल करने की अधिसूचना जारी कर दी, लेकिन बाकी 14.50 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए दो साल का समय मांगा है। इस पर डॉ. शरद गुप्ता के अधिवक्ता अंशुल गुप्ता ने सवाल पूछा कि 380.55 हेक्टेयर क्षेत्र की अधिसूचना दो माह में कर दी गई तो 14.50 हेक्टेयर के लिए 2027 तक का समय क्यों लगाया जा रहा है। उन्होंने ईको सेंसिटिव जोन शून्य करने की सरकार की मंशा पर सवाल उठाए, जिस पर एनजीटी बेंच ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। बेंच ने पूछा कि प्रदेश सरकार ने अधिकार न होते हुए भी इसे शून्य कैसे किया, जबकि सिर्फ सिफारिश भेजी जा सकती थी। यह काम पर्यावरण मंत्रालय का है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Feb 15, 2025, 13:15 IST
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